शेयर बाजार

टैरिफ बढ़ने के बाद भी चढ़े बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी तीन महीने के निचले स्तर से उबरे

देसी संस्थागत निवेशकों की रिकॉर्ड खरीद, पुतिन-ट्रंप के बीच बैठक की संभावना से शेयर बाजारों को अंतत: करीब एक फीसदी गिरावट से उबरने में मदद मिली

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- August 07, 2025 | 9:57 PM IST

घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की मजबूत खरीदारी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप व रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बीच आगामी शिखर सम्मेलन से उम्मीदें लगाते हुए भारतीय बाजार गुरुवार को तीन महीने के निचले स्तर से उबर गए और बढ़त के साथ बंद हुए। भारत के निरंतर रूसी ऊर्जा की खरीद के जवाब में भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना करने के अमेरिका के कदम ने निवेशकों का मनोबल प्रभावित हुआ।

दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स लगभग एक फीसदी गिरकर 79,811 पर चला गया जो 9 मई के बाद सबसे निचला स्तर है। हालांकि यह 79 अंक (यानी 0.1 फीसदी) की बढ़त के साथ 80,623 पर बंद हुआ। निफ्टी भी तीन महीने के निचले स्तर 24,344 पर पहुंच गया, लेकिन फिर गिरावट की भरपाई करते हुए 22 अंक (0.09 फीसदी) की बढ़त के साथ 24,596 पर बंद हुआ। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 16,000 करोड़ रुपये बढ़कर 445.4 लाख करोड़ रुपये हो गया।

इस बढ़त को डीआईआई से सहारा मिला जिन्होंने घरेलू शेयरों में 10,864 करोड़ रुपये का निवेश किया जो 7 अप्रैल के बाद से उनकी एक दिन की सबसे बड़ी खरीद है। इसके उलट, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 4,997 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

रूस ने घोषणा की है कि वह पुतिन-ट्रंप बैठक के लिए अमेरिका के साथ जगह पर सहमत हो गया है और उसने पुतिन तथा ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ के बीच हाल में हुई बातचीत के बाद प्रमुख मसलों पर चर्चा शुरू कर दी है। अधिकांश वैश्विक बाजारों में भी तेजी आई क्योंकि क्रेमलिन की पुष्टि से रूस-यूक्रेन युद्ध में संभावित संघर्ष विराम की उम्मीद जगी और संभवतः भारत जैसे रूसी ऊर्जा खरीदारों के प्रति ट्रंप के सख्त रुख में नरमी आई।

अमेरिका इन खरीदों को रूसी अर्थव्यवस्था के लिए मददगार मानता है जिससे युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों में देरी हो रही है और जो अब चौथे वर्ष में पहुंच रहा है। मंगलवार को ट्रंप ने भारत पर रूस के युद्ध प्रयासों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे महीनों की बातचीत के बाद व्यापार तनाव और बढ़ गया।

ये टैरिफ ट्रंप की 8 अगस्त की समयसीमा से पहले ही लगाए गए हैं जब उन्होंने रूस को यूक्रेन के साथ शांति समझौते पर पहुंचने का अल्टीमेटम दिया था। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख (वेल्थ मैनेजमेंट) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर आशावादिता से बाजार में उत्साह बढ़ रहा है क्योंकि बातचीत के लिए अभी भी 20 दिन का समय है। हमें उम्मीद है कि बाजार सीमित दायरे में रहेगा और अमेरिका-रूस शांति वार्ता के घटनाक्रम, अमेरिकी टैरिफ पर भारत की प्रतिक्रिया और घरेलू आय के अनुमानों पर कड़ी नज़र रखेगा।

बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा। बीएसई पर 2,297 शेयरों में गिरावट और 1,751 शेयरों में तेजी दर्ज की गई। सेंसेक्स की बढ़त में एचडीएफसी बैंक का सबसे बड़ा योगदान रहा, जिसमें 0.6 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई, उसके बाद इटरनल का स्थान रहा, जिसमें 0.9 फीसदी का इजाफा हुआ। ब्रेंट क्रूड 0.6 फीसदी की बढ़त के साथ 68.2 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ शोध उपाध्यक्ष अजित मिश्र ने कहा, निफ्टी 24,450 के समर्थन स्तर से ऊपर बना रहा जिससे एक प्रमुख आधार के रूप में इसकी मजबूती की पुष्टि हुई। पिछली एकीकृत सीमा के निचले स्तर ने तेजी को जन्म दिया। 24,800 से ऊपर एक निर्णायक कदम से 25,000 के स्तर की ओर उछाल का रास्ता खुल सकता है।

First Published : August 7, 2025 | 9:52 PM IST