जयप्रकाश पावर वेंचर्स (जेपी पावर) के शेयरों ने सोमवार को शेयर बाजार में धमाल मचा दिया। BSE पर कंपनी के शेयर 16 फीसदी की उछाल के साथ 21.95 रुपये पर पहुंच गए। यह कीमत 10 अक्टूबर, 2024 को छुए गए 52 हफ्तों के उच्च स्तर 23.77 रुपये के काफी करीब है। इस दौरान बाजार में हल्की सुस्ती थी, जहां BSE सेंसेक्स 0.08 फीसदी की गिरावट के साथ 83,367 अंक पर था। जेपी पावर के शेयरों में भारी वॉल्यूम देखने को मिला, जिसमें एनएसई और BSE पर मिलाकर 588 मिलियन शेयरों का कारोबार हुआ। यह कंपनी के कुल इक्विटी का 8.6 फीसदी हिस्सा है।
पिछले दो हफ्तों में जेपी पावर के शेयरों में 30 फीसदी की तेजी आई है, जबकि दो महीने पहले 7 मई, 2025 को यह 12.6 रुपये पर था। यानी, इस दौरान शेयर की कीमत 74 फीसदी बढ़ चुकी है। कंपनी के प्रमोटर जयप्रकाश एसोसिएट्स, जिसके पास जेपी पावर में 24 फीसदी हिस्सेदारी है, के शेयर भी BSE पर 5 फीसदी के अपर सर्किट के साथ 3.22 रुपये पर बंद हुए।
Also Read: RIL का शेयर अपने ऑल टाइम हाई से सिर्फ 4% दूर; क्या यह खरीदने या बेचने का सही समय? ब्रोकरेज से समझें
जेपी पावर के शेयरों में इस उछाल की बड़ी वजह अदाणी ग्रुप से जुड़ी खबरें हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अदाणी ग्रुप जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने की रेस में सबसे आगे है। जयप्रकाश एसोसिएट्स इस समय कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) से गुजर रही है। अदाणी ग्रुप ने इसके लिए 12,500 करोड़ रुपये तक की बोली लगाई है। हालांकि, डालमिया ग्रुप भी इस दौड़ में है और अगर जयप्रकाश एसोसिएट्स के स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट से जुड़ा एक कानूनी मसला सुलझ जाता है, तो वह अदाणी की बोली को पछाड़ सकता है। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (Ind-Ra) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि जयप्रकाश एसोसिएट्स के CIRP प्रोसेस का जेपी पावर के बैलेंस शीट पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, इस प्रक्रिया का नतीजा कंपनी के लिए एक अहम मॉनिटर करने वाला पहलू रहेगा।
जेपी पावर मुख्य रूप से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में काम करती है और इसका सिर्फ एक बिजनेस सेगमेंट है। कंपनी के पास अमेलिया (नॉर्थ) कोल माइन है, जिसका इस्तेमाल वह अपने लिए करती है। पिछले साल कंपनी को बांधा (नॉर्थ) कोल ब्लॉक में खनन का अधिकार मिला, जहां अभी खोज कार्य चल रहा है। कंपनी की सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट से कोई आय नहीं हुई।
भारत में बिजली क्षेत्र में कई मौके दिख रहे हैं। जेपी पावर ने अपनी FY25 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि बढ़ती ऊर्जा मांग, तकनीकी प्रगति और सरकार के स्वच्छ ऊर्जा के प्रति समर्थन से इस क्षेत्र में ढेर सारी संभावनाएं हैं। भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा है, जिससे सौर, पवन और जलविद्युत परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा। 19,744 करोड़ रुपये के निवेश के साथ ग्रीन हाइड्रोजन मिशन भी एक बड़ा अवसर है। यह मिशन स्टील, सीमेंट और परिवहन जैसे उद्योगों के लिए हाइड्रोजन उत्पादन और इलेक्ट्रोलाइजर मैन्युफैक्चरिंग में निवेश की राह खोल रहा है।
इसके अलावा, 60,676 करोड़ रुपये की अंतर-राज्य ट्रांसमिशन परियोजनाओं को मंजूरी मिलने से निजी क्षेत्र के लिए ग्रिड इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के मौके बढ़े हैं। यह नवीकरणीय ऊर्जा को बेहतर ढंग से जोड़ने में मदद करेगा। सौर मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और बैटरी एनर्जी स्टोरेज के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग जैसे सरकारी प्रोत्साहन भी निवेशकों का भरोसा बढ़ा रहे हैं।
जेपी पावर ने FY25-FY27 के बीच निग्री और बीना थर्मल पावर प्लांट्स में फ्लू-गैस डिसल्फराइजेशन (FGD) यूनिट लगाने के लिए 1,500 करोड़ रुपये और FY25-FY29 के बीच बांधा नॉर्थ कोल माइन के लिए 760 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। इंड-रा के मुताबिक, कंपनी इन परियोजनाओं को अपनी आंतरिक आय से पूरा करने की कोशिश कर रही है, और यह उसकी वित्तीय स्थिति के लिए एक अहम मापदंड होगा।