मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनैंशियल सर्विसेज का शेयर आज अपने पहले कारोबारी सत्र में 5 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर पैसिव म्युचुअल फंडों ने शेयर की जमकर बिकवाली की, जिससे 261.85 रुपये के सूचीबद्ध होने वाला शेयर 248.90 रुपये पर बंद हुआ।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 265 रुपये में सूचीबद्ध हुआ शेयर 251.75 रुपये पर बंद हुआ। एक्सचेंज पर जियो फाइनैंशियल के करीब 7.8 करोड़ शेयरों की खरीदफरोख्त हुई।
बाजार प्रतिभागियों के अनुसार निफ्टी50 और सेंसेक्स पर नजर रखने वाली पैसिव योजनाओं ने जियो फाइनैंशियल के दोनों सूचकांकों से बाहर होने से पहले ही अपने शेयरों की बिकवाली शुरू कर दी थी। इन फंडों के पास कुल करीब 14.5 करोड़ शेयर हैं, जो कंपनी को रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग करते समय उन्हें आवंटित किए गए थे। चूंकि अभी कंपनी के शेयर का इंट्राडे कारोबार नहीं हो रहा है, इसलिए पैसिव म्युचुअल फंड पहले दिन थोड़े शेयर ही बेच सके।
दिन का कारोबार खत्म होने पर जियो फाइनैंशियल सर्विसेज का मूल्यांकन 1.6 लाख करोड़ रुपये रहा और वह उद्योग की 34वीं सबसे बड़ी कंपनी बन गई। इस मूल्यांकन के बल पर जियो फाइनैंशियल बजाज फाइनैंस और बजाज फिनसर्व के बाद तीसरी सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) बन गई।
स्टॉक एक्सचेंज के नियमों के अनुसार यदि जियो फाइनैंशियल का शेयर अगले दो दिन में एक और बार अपनी ट्रेडिंग लिमिट तक पहुंच जाता है तो सूचकांक से इसे हटाने की प्रक्रिया तीन दिन के लिए टाल जाएगी। ऐसा नहीं हुआ तो 23 अगस्त को इसे हटा दिया जाएगा।
सूचीबद्ध होने के बाद दस दिनों तक कंपनी ट्रेड-टु-ट्रेड श्रेणी में कारोबार करेगी। इसमें केवल डिलिवरी के लिए शेयरों की लिवाली की जाती है और निर्धारित 5 फीसदी के ऊपरी अथवा निचले सर्किट के साथ इंट्राडे कारोबार नहीं किया जाता है।
जियो फइनैंशियल सर्विसेज के चेयरमैन केवी कामत ने कंपनी को बीएसई पर सूचीबद्ध कराते समय कहा कि कंपनी भारत की वृद्धि रफ्तार का पूरा फायदा उठाना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘हम डिजिटल फर्स्ट संस्थान होने के नाते भारत के साथ कदम मिलाते हुए आगे बढ़ेंगे। इस लिहाज से देर से आने के अपने फायदे हैं। आपको पहले ही हो चुके तकनीकी विकास का फायदा मिलेगा और आप उसे पूरी तरह अपने अनुकूल ढाल सकते हैं।’
जियो फाइनैंशियल सर्विसेज संपूर्ण वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली कंपनी होगी, जो खुदरा ऋण से लेकर बीमा और डिजिटल भुगतान तक सब कुछ देगी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज लिमिटेड के प्रमुख (खुदरा अनुसंधान) दीपक जसानी ने कहा, ‘जियो फाइनैंशियल को 20 जुलाई 2023 को तय किए कई भाव पर 21 अगस्त को सूचीबद्ध किया गया। सूचीबद्ध होने के बाद से ही इंडेक्स फंडों की बिकवाली की वजह से इसमें गिरावट आई। उनके पास अपना निवेश निकालने के लिए तीन दिन हैं। उसके बाद इसे सूचकांक से बाहर कर दिया जाएगा। हालांकि इस शेयर की क्षमता से बाजार काफी उत्साहित है मगर वे बिकवाली खत्म होने तक इंतजार कर सकते हैं।’
सूचना ज्ञापन के अनुसार जियो फाइनैंशियल अपनी चार इकाइयों – खुदरा ऋण, परिसंपत्ति प्रबंधन, बीमा ब्रोकिंग और डिजिटल भुगतान कारोबार के जरिये काम करती रहेगी।
एनबीएफसी क्षेत्र में किसी बड़े कारोबारी समूह के उतरने से दूरसंचार उद्योग की तरह किसी बड़े उथल-पुथल की चिंता बनी हुई है। मगर बाजार विशेषज्ञों ने इस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। आईआईएफएल सिक्योरिटीज मानती है कि बाजार में कोई खास उथल-पुथल नहीं दिखेगी, लेकिन अन्य कंपनियों की लाभप्रदता को चोट पहुंच सकती है। मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों ने भी कहा है कि इस पर कुछ भी कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी।