शेयर बाजार

साल की बाकी अवधि में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल, जानें ब्रोकरों का अनुमान

ब्रोकरेज का अनुमान है कि बेंचमार्क निफ्टी साल 2024 की समाप्ति 24,860 पर कर सकता है जो मौजूदा स्तर से 2.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- July 11, 2024 | 10:40 PM IST

नोमूरा (Nomura) का कहना है कि साल की बाकी अवधि में भारतीय इक्विटी से रिटर्न सुस्त रहने की संभावना है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि बेंचमार्क निफ्टी साल 2024 की समाप्ति 24,860 पर कर सकता है जो मौजूदा स्तर से 2.2 फीसदी की बढ़ोतरी दर्शाता है। निफ्टी ने गुरुवार को 24,316 पर कारोबार की समाप्ति की जो इस साल अब तक करीब 12 फीसदी चढ़ा है।

जापानी ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि देसी म्युचुअल फंडों में पिछले वर्षों में खुदरा निवेश में हुई बढ़ोतरी का कारण ढांचागत हैं। जैसे इक्विटी में कम आवंटन, पारंपरिक परिसंपत्ति वर्ग से दूसरी ओर बढ़ना और सूचनाओं व निवेश तक आसान पहुंच होना है।

ब्रोकरेज ने हालिया नोट में कहा है कि एम्फी के आंकड़े बताते हैं कि स्थानीय निवेशकों ने देसी इक्विटी म्युचुअल फंडों में साल 2014 की शुरुआत से अब तक 155 अरब डॉलर का निवेश किया है। हम लंबे समय से तर्क देते रहे हैं कि प्रतिशत के लिहाज से भारत में कम विदेशी इक्विटी निवेश की वजह यह है कि देसी निवेशकों ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के निवेश को कम कर दिया क्योंकि मूल्यांकन को लेकर उनमें ज्यादा संवेदनशीलता है।

उभरते बाजारों या एशियाई फंडों के निवेशक अभी भी भारत पर अंडरवेट हैं और भारत समर्पित विदेशी फंड भारतीय शेयरों में निवेश के मजबूत स्तंभ हैं।

नोमूरा के प्रबंध निदेशक और इक्विटी शोध प्रमुख शायन मुखर्जी ने कहा कि कभी-कभार नरमी के बावजूद भारतीय बाजार ने अच्छी खासी सुदृढ़ता प्रदर्शित की है और वह चुनाव से जुड़ी घबराहट से उबर गया है। यह निवेश बाजार खींच रहा है।

मुखर्जी ने कहा कि बाजार में निवेश को समाहित करने के लिए पर्याप्त प्रतिभूतियां नहीं हैं। प्राथमिक बाजार की गतिविधियों ने जोर पकड़ा है, लेकिन यह वित्त वर्ष 22 में दिखे माहौल के आसपास भी नहीं है। यह रकम द्वितीयक बाजार में जा रही है जिससे भाव बढ़ रहे हैं। हम अंदरखाने के लोगों को ब्लॉक डील के जरिये मुनाफावसूली करते देख रहे हैं, प्रवर्तक हिस्सेदारी बेच रहे हैं और प्राइवेट इक्विटी की निकासी बढ़ रही है।

मुखर्जी ने कहा कि आईपीओ की गतिविधियां जब सुधरती है तो वह नकदी समाहित कर सकती है और इससे बाजार के मिजाज को मदद मिल जाती है। उन्होंने कहा कि ह्युंडै का आईपीओ आ रहा है। और कंपनियां भी आ सकती हैं क्योंकि भारत और बाकी दुनिया के बीच मूल्यांकन का अंतर विभिन्न क्षेत्रों में काफी ज्यादा है। कंपनियों की आय पर मुखर्जी ने कहा कि बढ़ोतरी को लेकर उनको भी आश्चर्य है।

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक तौर पर हमने आय में हमेशा निराशा देखी है लेकिन इस समय आय मजबूत है। ऐसा कोई कारण नहीं है जो बाजार को नीचे ले जा सकता हो। एक वक्त पर मूल्यांकन अहम हो जाएंगे। हम यहां से विराम की बात कर रहे हैं और मौजूदा स्तर से निफ्टी करीब 2-3 फीसदी की बढ़त हासिल कर सकता है।

मुखर्जी ने कहा कि घरेलू निवेश बरकरार रह सकत है क्योंकि इक्विटी में निवेश की अवधारणा को सही तरीके से निवेशकों तक पहुंचाया गया है लेकिन विदेशी निवेशक कीमतों को लेकर चिंतित हैं। मूल्यांकन के अंतर को देखते हुए एफपीआई भारत लौटने की हड़बड़ी में नहीं हैं।

First Published : July 11, 2024 | 10:27 PM IST