शेयर बाजार

भारतीय कॉरपोरेट बॉन्ड में विदेशी निवेश बढ़ा, मई में आए ₹20,996 करोड़; 10 साल का रिकॉर्ड टूटा

एक बाजार कारोबारी ने कहा कि कॉरपोरेट बॉन्ड अधिक रिटर्न दे रहे हैं और एफपीआई के लिए हालिया मानदंडों में बदलाव ने भी मांग को बढ़ावा दिया है।

Published by
सुब्रत पांडा   
अंजलि कुमारी   
Last Updated- June 05, 2025 | 9:31 PM IST

भारतीय कॉरपोरेट बॉन्डों में विदेशी निवेश मई में 20,996 करोड़ रुपये के साथ 10 साल की ऊंचाई पर पहुंच गया। शापूरजी पलोंजी (एसपी) ग्रुप द्वारा 3.35 अरब डॉलर की रकम जुटाए जाने से यह निवेश नए ऊंचे स्तर पर पहुंचा। समूह को डॉयचे बैंक, ब्लैकरॉक, मॉर्गन स्टेनली, डेविडसन केम्पनर, सेर्बेरस कैपिटल जैसे वै​श्विक निवेशकों से निवेश मिला।

नैशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के आंकड़ों के अनुसार मई में ​भारतीय कंपनियों के बॉन्डों में शुद्ध विदेशी निवेश 20,966 करोड़ रुपये रहा जबकि अप्रैल में 8,879 करोड़ रुपये की बिकवाली हुई थी। जनवरी 2015 में भारतीय कॉरपोरेट बॉन्डों में विदेशी निवेश 21,660 करोड़ पर पहुंच गया था।

ALSO READ: PMEGP में 8794 को मिली 300 करोड़ रुपये की सब्सिडी

वित्त वर्ष 2025 में भारतीय कंपनियों की ओर से जारी बॉन्डों में विदेशी निवेश 12,382 करोड़ रुपये था जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह केवल 4,511 करोड़ रुपये रहा। भारतीय कंपनियों की ओर से जारी कॉरपोरेट बॉन्डों में कुल विदेशी निवेश 4 जून तक 1.28 लाख करोड़ रुपये था जो उपयोग की गई सीमा का सिर्फ 16.74 प्रतिशत है। एनएसडीएल के आंकड़ों से पता चलता है कि उपलब्ध सीमा 6.35 लाख करोड़ रुपये है।

यह तेजी भारतीय रिज़र्व बैंक के कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए ‘शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट लिमिट’ और ‘कंसंट्रेशन लिमिट’ खत्म करने के निर्णय के बीच देखी गई है। इन बदलावों का उद्देश्य अधिक निवेश स्वायत्तता प्रदान करना है।

एक बाजार कारोबारी ने कहा, ‘कॉरपोरेट बॉन्ड अधिक रिटर्न दे रहे हैं और एफपीआई के लिए हालिया मानदंडों में बदलाव ने भी मांग को बढ़ावा दिया है। सरकारी प्रतिभूतियों में शुरुआती दिनों में संघर्ष के कारण यील्ड में इजाफा हुआ लेकिन बाद में, हमने लगभग 6.20 प्रतिशत को छू लिया। हम कॉरपोरेट बॉन्ड सेगमेंट में और अधिक निवेश की उम्मीद करते हैं।’

मौजूदा समय में, एए-रेटेड तीन साल के कॉरपोरेट बॉन्ड पर वार्षिक यील्ड 7.34 प्रतिशत है, जबकि एए-रेटेड पांच साल के बॉन्ड 7.45 प्रतिशत यील्ड देते हैं। तुलनात्मक रूप से, बीबीबी-रेटेड तीन साल के बॉन्ड पर वार्षिक यील्ड 10.20 प्रतिशत है, और बीबीबी-रेटेड पांच साल के कॉरपोरेट बॉन्ड 10.27 प्रतिशत की यील्ड देते हैं।

कैप्री ग्लोबल कैपिटल के कार्यकारी निदेश अजय मंगलूनिया ने कहा, ‘कॉरपोरेट बॉन्ड पर यील्ड सरकारी प्रतिभूतियों से अधिक है। कॉरपोरेट बॉन्ड में सब कुछ मिला हुआ है, न कि केवल एएए रेटेड बॉन्ड। कम रेटिंग वाले बॉन्ड में निवेश करके निवेशक दो अंक में रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। भारत सरकार की प्रतिभूतियों पर यील्ड कम हो रही है, मुद्रास्फीति नीचे आ रही है और सरकार राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के प्रयास कर रही है।’

First Published : June 5, 2025 | 9:26 PM IST