शेयर बाजार

Economic Survey 2024: हाई रिटर्न को लेकर निवेशक सट्टेबाजी पर कर रहे जरूरत से ज्यादा भरोसा, सर्वे ने जताई गंभीर चिंता

India Economy Survey: BSE पर रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स की संख्या अब 18.2 करोड़ से ज्यादा हो गई है, जो पिछले एक साल में 4.5 करोड़ (33.4 प्रतिशत की वृद्धि) यूजर्स की तेज वृद्धि है।

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पुनीत वाधवा   
Last Updated- July 22, 2024 | 6:05 PM IST

Economic Survey 2024: बजट आने से एक दिन पहले यानी आज संसद में आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें शेयर बाजार की उपलब्धियों से लेकर कुछ चिंताओं पर भी बात की गई। आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में कहा गया कि ओवरकॉन्फिडेंट रिटेल निवेशक शेयर बाजार से बहुत ज्यादा रिटर्न पाने के लिए जरूरत से ज्यादा सट्टेबाजी का सहारा ले रहे हैं और यह एक गंभीर चिंता का विषय है। भारत के फाइनेंशियल सेक्टर का आउटलुक बेहतर दिखता है, लेकिन कुछ सेक्टर्स को आगे फोकस करने की जरूरत होगी।

आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में कहा गया, ‘शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों (retail investors) की महत्वपूर्ण वृद्धि सावधानीपूर्वक विचार करने की मांग करती है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि अति आत्मविश्वास के कारण सट्टेबाजी और इससे भी ज्यादा रिटर्न की उम्मीद, रियल मार्केट कंडीशन के अनुरूप नहीं हो सकती है और यह एक गंभीर चिंता का विषय है।

भारतीय शेयर बाजार सबसे अच्छे परफॉर्मेंस वाले मार्केट्स में एक

आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय शेयर बाजार सबसे अच्छे प्रदर्शन वाले बाजारों में से एक था, जिसमें भारत का निफ्टी 50 (Nifty 50) इंडेक्स वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) के दौरान 26.8 प्रतिशत बढ़ा, जबकि FY23 के दौरान 8.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

एसीई इक्विटी (ACE Equity) डेटा दिखाता है कि कैलेंडर वर्ष 2024 (CY24) में अब तक, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स (S&P BSE Sensex) और Nifty50 इंडेक्स में प्रत्येक में 10 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। इस पीरियड के दौरान मिड और स्मॉल-कैप इंडेक्स में तेजी अधिक रही है, जिसमें इन प्रमुख बेंचमार्क्स ने प्रत्येक में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस रैली का एक बड़ा हिस्सा भारतीय शेयर बाजारों में खुदरा निवेशक गतिविधि (retail investor activity) में वृद्धि के कारण हुआ है।

बढ़ी निवेशकों की संख्या, F&O के लिए होनी चाहिए जांच

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के फाउंडर और रिसर्च हेड जी चोक्कालिंगम ने कहा, ‘निवेशकों ने पहले कभी नहीं की तरह शेयर बाजारों में भाग लिया है। हालांकि यह बाजारों के लिए ओवरऑल ग्रोथ के लिए अच्छा है। यह एक शानदार शेयर बाजार की ओर इशारा करता है। पिछले कुछ वर्षों में इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा फ्यूचर एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में सट्टेबाजी में चला गया है। इसे जांचने की जरूरत है।’ और डेटा भी इसको सपोर्ट करता है।

रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स की संख्या में काफी इजाफा

BSE पर रजिस्टर्ड इन्वेस्टर्स की संख्या अब 18.2 करोड़ से ज्यादा हो गई है, जो पिछले एक साल में 4.5 करोड़ (33.4 प्रतिशत की वृद्धि) यूजर्स की तेज वृद्धि है।

अपने हिस्से के लिए, छोटे/खुदरा निवेशकों की भागीदारी (small/retail investors participation) को बढ़ाने के लिए, मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट के लिए सीमा को 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया। नया आदेश 1 सितंबर 2024 से लागू होगा।

इकनॉमिक ग्रोथ का मार्केट पर क्या पड़ेगा असर

भारत जैसे विकासशील अर्थव्यवस्था (developing economy) के लिए, आर्थिक सर्वेक्षण 2024 ने कहा, फाइनेंशियल सेक्टर को बैंकिंग सेक्टर का सपोर्ट करना चाहिए और अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए जरूरी पूंजी में अंतर को कम करना चाहिए।

इसलिए, फाइनेंशियल सेक्टर को इकनॉमिक ग्रोथ के साथ तालमेल बनाए रखने की गति से विस्तार करना चाहिए। आर्थिक सर्वेक्षण ने कहा, भारत मौजूदा स्टेज में अर्थव्यवस्था के अत्यधिक वित्तीयकरण (over financialisation) का जोखिम नहीं उठा सकता।

आर्थिक सर्वेक्षण 2024 ने कहा, ‘फाइनेंशियल मार्केट में बढ़ा हुआ रिटेल पार्टिसिपेशन और फाइनेंशियल प्रोडक्ट के साथ परिचितता भारत के विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने के साथ बढ़ने लगी है। इसलिए, बैंकिंग, बीमा और कैपिटल मार्केट में काम करने वाली कंपनियों को उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए अपनी सर्विस की क्वालिटी में सुधार करना चाहिए।’

First Published : July 22, 2024 | 3:52 PM IST