प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारत के दक्षिणी राज्य केरल में मॉनसून सामान्य से आठ दिन पहले पहुंचने पर बाजारों में तेजी की बौछार रही। बाजार को इससे शानदार फसल और भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद जगी है। घरेलू बाजारों के उत्साह ने सोमवार को भी तेजी का सिलसिला बनाए रखा। निवेशकों की धारणा को वैश्विक व्यापार तनाव में कमी आने और भारतीय रिजर्व बैंक के रिकॉर्ड लाभांश देने से भी बढ़ावा मिला।
सोमवार को निफ्टी 50 सूचकांक 0.6 फीसदी चढ़कर 25,001 पर जबकि सेंसेक्स 0.56 फीसदी की बढ़त के साथ 82,176.45 पर बंद हुआ। शुक्रवार को इन दोनों सूचकांकों में करीब एक-एक फीसदी की तेजी आई थी।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवाइजरी के संस्थापक और शोध प्रमुख जी चोकालिंगम के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने यूरोपीय संघ (ईयू) के आयातों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की अपनी धमकी को वापस ले लिया जिससे व्यापार संबंधी चिंताएं कम हो गई हैं। संकेत मिलता है कि अमेरिका ट्रेड वॉर में अपनी आक्रामकता कम कर सकता है, जो सकारात्मक बात है। अमेरिका और यूरोपीय संघ के पास अब व्यापार सौदे पर काम करने के लिए 9 जुलाई तक का समय है।
चोकालिंगम का कहना है कि मार्च में समाप्त वित्त वर्ष के लिए केंद्र सरकार को अधिशेष के तौर पर आरबीआई के बोर्ड ने 2.69 लाख करोड़ रुपये स्थानांतरित करने की मंजूरी दी है। इससे सरकार को अपना राजकोषीय घाटा काफी कम करने में मदद मिल सकेगी। आज के कारोबार में सभी 13 प्रमुख सेक्टर में तेजी दर्ज की गई।
अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने और ट्रंप की राहत से जिंसों का आकर्षण बढ़ा और इससे निफ्टी मेटल इंडेक्स में लगभग 1 प्रतिशत की तेजी आई। निफ्टी ऑटो, निफ्टी फार्मा और निफ्टी आईटी सभी में लगभग 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि निफ्टी फाइनैंशियल में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 0.7 फीसदी और 0.4 फीसदी चढ़े। संपूर्ण बाजार धारणा सकारात्मक रही। बीएसई पर चढ़ने वाले शेयरों की संख्या 2,265 रही और 1,816 शेयरों में गिरावट आई। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने करीब 136 करोड़ रुपये की खरीदारी की जबकि घरेलू निवेशकों ने 1,746 करोड़ रुपये लगाए।
विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद घरेलू स्तर पर रुझान सकारात्मक बने हुए हैं। जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2026 में 6 प्रतिशत से ज्यादा रहने का अनुमान, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की जल्द शुरुआत और मुद्रास्फीति में नरमी सकारात्मक संकेत हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘मॉनसून के जल्द आगमन और औसत से अधिक बारिश के पूर्वानुमान के कारण उर्वरक, कृषि रसायन, एफएमसीजी, वाहन और ग्रामीण वित्त क्षेत्र फोकस में रहेंगे। आरबीआई का लाभांश सरकार के वित्त को ताकत देगा और वित्त वर्ष 2026 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य बनाए रखने में मदद मिलेगी।’