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Avadhut Sathe ने फिनफ्लूएंसर होने से किया इनकार, ASTA को बताया 100% ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म

एकेडमी ने कहा कि वह गुरुकुल की तरह सीखने की व्यवस्था की पद्धति का अनुसरण करती है, जिसका लक्ष्य दक्षता, अनुशासन और वित्तीय बाजार के लिए सही मनोदशा तैयार रखना है।

Last Updated- August 26, 2025 | 10:36 PM IST
Avadhut Sathe

बाजार नियामक सेबी के 20 अगस्त के तलाशी अभियान के बाद अवधूत साठे ट्रेडिंग एकेडमी (एएसटीए) के संस्थापक अवधूत साठे ने मंगलवार को पहला आधिकारिक बयान जारी किया। साठे ने फिनफ्लूएंसर होने से इनकार किया है और कहा है कि उनकी एकेडमी शुद्ध रूप से ट्रेनिंग प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करती है और उनने कभी भी शेयरों की खरीद-बिक्री की सलाह नहीं दी।

एक बयान में एएसटीए ने खुद को प्रशिक्षण संस्थान बताया, न कि सलाहकारी सेवा प्रदाता या फिनफ्लूएंसर। एकेडमी ने कहा कि वह गुरुकुल की तरह सीखने की व्यवस्था की पद्धति का अनुसरण करती है, जिसका लक्ष्य दक्षता, अनुशासन और वित्तीय बाजार के लिए सही मनोदशा तैयार रखना है। बयान में कहा गया है, हम रिसर्च रिपोर्ट या स्टॉक टिप्स प्रकाशित या प्रसारित नहीं करते। व्यक्तिगत निवेश सलाह या ट्रेड कॉल या आश्वस्त रिटर्न की भी पेशकश नहीं करते।

एएसटीए ने कहा कि उसका ध्यान तैयार शिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से स्वतंत्र ट्रेडरों और निवेशकों को विकसित करने पर है। एकेडमी का दावा है कि उसने 51 देशों में 62,000 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया है। यह भी कहा कि हम भारत के पूंजी बाजारों को आकार देने में सेबी की महत्त्वपूर्ण भूमिका स्वीकार करते हैं।

नियामक ने फाइनैंशियल फिनफ्लूएंसरों और अपंजीकृत सलाहकारी गतिविधियों के खिलाफ अपनी सख्ती तेज कर दी है। पिछले एक साल में सेबी ने कथित तौर पर यूट्यूब, टेलीग्राम चैनलों और सबस्क्रिप्शन आधारित मॉडलों के जरिए स्टॉक-टिप कारोबार चलाने वाले व्यक्तियों और समूहों के खिलाफ कार्रवाई की है जिनमें से कई मामले पंप-एंड-डंप योजनाओं से जुड़े हैं।

सेबी के नियमों के तहत केवल पंजीकृत शोध विश्लेषकों और निवेश सलाहकारों को ही शेयरों की खरीद-बिक्री की सिफारिशें या निवेश सलाह देने की अनुमति है। चल रही जांच के बावजूद एएसटीए ने तलाशी अभियान के तुरंत बाद पिछले हफ्ते प्रशिक्षण सत्र जारी रखा।

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश चंद्र वार्ष्णेय ने हाल में प्रवर्तन कार्रवाइयों पर कहा है कि निवेशकों का भरोसा जगाने के लिए ऐसे उपाय बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा, प्रवर्तन कार्रवाई बड़े लोगों पर केंद्रित होनी चाहिए, जहां एक का भी असर दिख सकता है।

First Published - August 26, 2025 | 10:29 PM IST

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