मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स और डन ऐंड ब्रैडस्ट्रीट के एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में अमीर निवेशक (एचएनआई) जल्द सेवानिवृत्ति, बच्चों के लिए उद्यम और विदेश में शिक्षा की चाहत रखते हैं। लेकिन कम बचत, व्यक्तिगत स्तर पर प्लानिंग और वित्तीय अनुशासन की कमी की वजह से उन्हें अपनी आकांक्षाओं में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सर्वे में 28 शहरों के 465 अमीर परिवारों को शामिल किया गया था। इससे पता चलता है कि 43 फीसदी एचएनआई अपनी कर-पश्चात आय का 20 फीसदी से भी कम बचा पाते हैं।
अमीरों के भीतर ही शीर्ष आय वर्ग की बचत दर अधिक है। 10 करोड़ रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले 63 प्रतिशत अमीर परिवार अपनी आय का 30 प्रतिशत से अधिक बचाते हैं। हालांकि, उनका निवेश आवंटन रियल एस्टेट में ज्यादा होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘केवल 17 प्रतिशत अमीर निवेशक ही इक्विटी में 30 प्रतिशत से ज्यादा निवेश करते हैं। इन परिवारों में से 44 प्रतिशत का कहना है कि वे इक्विटी निवेश के साथ ‘बहुत सहज’ हैं। लेकिन फिर भी उनमें से 65 प्रतिशत खासतौर पर सोने/चांदी में 10 से 20 प्रतिशत निवेश करते हैं और उनमें से 48 प्रतिशत रियल एस्टेट में 30 प्रतिशत से अधिक पूंजी लगाते हैं।’
अध्ययन के अनुसार कई अमीर निवेशकों का मानना है कि उनके लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पेशेवर तौर पर फाइनैंशियल प्लानिंग जरूरी है। इसमें कहा गया है, ’82 फीसदी का मानना है कि उनके दीर्घावधि वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पेशेवर वित्तीय योजना जरूरी है। 51 फीसदी धनी निवेशक विविधता के मामले में मार्गदर्शन लेना पसंद करते हैं। 32 फीसदी लक्ष्य के हिसाब से योजना बनाना पसंद करते हैं।’