कमजोर एशियाई बाजार और गहराते वैश्विक वित्तीय संकट के मद्देनजर भारतीय रुपया शुक्रवार के शुरूआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 49.07 के स्तर पर पहुंच गया।
रुपया ने यह स्तर मई 2002 में छुआ था। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में घरेलू मुद्रा डॉलर के मुकाबले 1.08 रुपया टूटी, जो बुधवार को 47.99-48.00 के स्तर पर बंद हुई थी।
एशियाई मुद्राओं में सबसे खराब स्थिति रुपये की ही है। विशेषज्ञों का मानना है कि एशियाई क्षेत्र में भारत ने ही सबसे ज्यादा बाहरी वित्त को प्रोत्साहन दिया है, जिस वजह से ऐसा हुआ है। ऐसा अनुमान है कि मौजूदा साल के अंत तक रुपया और अधिक डूब सकता है।