भारतीय शेयर बाजारों ने गुरुवार को उथल-पुथल भरे सत्र का समापन करीब एक फीसदी की बढ़त के साथ किया। यह व्यापक बाजार में पिटे हुए शेयरों की खरीदारी के कारण संभव हुआ। अमेरिकी डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने निवेशकों की धारणा को और मजबूत किया।
975 अंकों के उतार-चढ़ाव के बाद बेंचमार्क सेंसेक्स 610 अंक यानी 0.8 फीसदी की बढ़त के साथ 74,340 पर बंद हुआ। निफ्टी 207.4 अंक यानी 0.93 फीसदी के इजाफे के साथ 22,544.7 पर टिका। दोनों सूचकांकों ने लगातार दूसरे सत्र में बढ़त दर्ज की जिसमें निफ्टी सबसे लंबी 10 दिवसीय गिरावट के दौर से और नौ महीने निचले स्तर से उबर गया।
पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स में 1.85 फीसदी और निफ्टी में 2.1 फीसदी की तेजी दर्ज हुई। पिछले तीन सत्रों में 13.6 लाख करोड़ रुपये के इजाफे के साथ बीएसई में सूचीबद्ध फर्मों का कुल बाजार पूंजीकरण 398 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
पिछले दो दिनों में हुई बढ़त का श्रेय हाल में हुई बिकवाली के बाद आकर्षक कीमत पर शेयर खरीदने के रुझान को जाता है। ऊंचे मूल्यांकन, कमजोर होता कंपनियों का मुनाफा और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की लगातार निकासी की चिंताओं के कारण पिछले पांच महीनों से भारतीय इक्विटी गिरावट का दंश देख रही है।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा, मुझे लग रहा था कि मार्च के अंत तक बाजार गिरावट से उबर जाएंगे क्योंकि गिरावट काफी भीषण थी। भारतीय बाजार ने फूले हुए दामों की कीमत चुकाई है और अब कुछ क्षेत्रों में आकर्षक मूल्यांकन हो गया है। आगे चलकर कुछ उतार-चढ़ाव हो सकता है। लेकिन बाजार रिकवरी के मोड में होगा।
बेंचमार्क सूचकांकों में दूसरी सबसे अधिक भार वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बढ़त में करीब एक तिहाई का योगदान किया। कई ब्रोकरेज की सकारात्मक रिपोर्ट के बाद इसके शेयरों में 3 फीसदी की वृद्धि हुई। कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने कहा किया कि भारी गिरावट के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए जोखिम-प्रतिफल प्रोफाइल अब ज्यादा अनुकूल हो गया है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि अगली कुछ तिमाहियों में खुदरा कारोबार में सुधार होगा, जिसमें दूरसंचार कारोबार के आईपीओ की समयसीमा और एक और शुल्क वृद्धि समेत अन्य संभावित घटनाएं शामिल हैं।
गुरुवार को डॉलर इंडेक्स में 3.2 फीसदी की गिरावट आई और यह 104.1 पर आ गया। इससे धातु जैसे हाई बीटा सेक्टर में खरीदारी हुई। निफ्टी मेटल इंडेक्स में 2.34 फीसदी का इजाफा हुआ जिससे दो दिन की तेजी बढ़कर 6 फीसदी से ज्यादा हो गई। जिंदल स्टेनलेस और हिंदुस्तान जिंक मेटल इंडेक्स में सबसे अधिक लाभ में रहे, जिनमें क्रमशः 6 फीसदी और 4 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई।
सप्ताह के दौरान ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 4.6 फीसदी की गिरावट ने भी धारणा को मजबूत किया। कच्चे तेल की कम कीमतें भारत के लिए फायदेमंद हैं क्योंकि तेल उसके आयात का एक बड़ा हिस्सा है। एशियन पेंट्स (जिसके लिए कच्चा तेल प्रमुख इनपुट है) 4.6 प्रतिशत बढ़ा और सेंसेक्स और निफ्टी दोनों पर अग्रणी लाभ दर्ज करने वाला शेयर रहा। तेल विपणन कंपनियों ने भी मजबूत लाभ दर्ज किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से कनाडा व मैक्सिको की वाहन विनिर्माता कंपनियों को 25 फीसदी शुल्क पर एक महीने की छूट दिए जाने से भी व्यापार तनाव कम हुआ।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, सकारात्मक वैश्विक संकेतों से बाजार में आशावाद बढ़ा है। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मजबूत रहा और 3,006 शेयर चढ़े जबकि 990 में गिरावट आई। ऐक्सिस बैंक 1.9 फीसदी चढ़ा जबकि एनटीपीसी में 3.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और बढ़त में इनका योगदान अहम रहा।