भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रतिभूति नियमों की व्याख्या जानने या ज्यादा स्पष्टता चाहने के लिए बाजार कारोबारियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली इन्फॉर्मल गाइडेंस (आईजी) फ्रेमवर्क प्रणाली में सुधार की योजना बनाई है। नियामक की ओर से सुझाए गए बदलावों में ज्यादा बाजार कारोबारियों को इस ढांचे के तहत मार्गदर्शन प्राप्त करने की अनुमति देना शामिल है।
इसके अलावा सेबी ने आवेदन शुल्क को मौजूदा 25,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। जिन नई संस्थाओं को आईजी व्यवस्था की अनुमति दी जाएगी, वे हैं शेयर बाजार, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी, वैकल्पिक निवेश कोष, रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट), इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट (इनविट) और कलेक्टिव इन्वेस्टमेंट स्कीम (सीआईएस) जैसी संयुक्त निवेश योजनाओं के प्रबंधक।
सेबी ने परामर्श पत्र में कहा है, ‘यह स्कीम पेश किए जाने के बाद से अतिरिक्त समय में कमी आई है और आवेदनों की प्रक्रिया में सेबी के अनुभव को देखते हुए इस स्कीम के प्रावधानों की समीक्षा करने और बाजार की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बदलाव की आवश्यकता होगी।’