भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को भारत ग्लोबल डेवलपर्स के शेयरों की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी। कंपनी के वित्तीय आंकड़ों और खुलासे में खामियां पाए जाने तथा तरजीही आवंटन में फर्जीवाड़े के आरोप में उसकी ट्रेडिंग रोक दी गई है। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कंपनी से जुड़े 17 अन्य लोगों पर भी रोक लगाते हुए कहा कि अगले आदेश तक वे प्रतिभूति बाजार में खरीद, बिक्री या किसी भी तरह का सौदा नहीं कर सकते। कंपनी के अनुपालन अधिकारी के किसी भी सूचीबद्ध कंपनी से जुड़ने पर रोक लगा दी गई है। सेबी अब इस मामले की विस्तार से जांच करेगा और यह जांच इस वित्त वर्ष के भीतर ही पूरी कर ली जाएगी।
पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर कंपनी के संदिग्ध वित्तीय आंकड़ों और खुलासे के बारे में कई शिकायतें आई थीं, जिन पर संज्ञान लेते हुए सेबी ने यह कार्रवाई की है। सेबी के आदेश में कहा गया है कि कंपनी ने करीब 12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बाजार पूंजी के रूप में ‘कागजी संपदा’ तैयार की, जबकि इसको वाजिब ठहराने लायक कोई वास्तविक आर्थिक गतिविधि, किसी वस्तु का उत्पादन या सेवा दिखाई नहीं देती।
सेबी ने आरोप लगाया है कि कीमतों में हेरफेर और शेयरों को डंप करने के लिए बनाई गई फर्जी योजना के जरिये कंपनी ने तरजीही आवंटन से करीब 271.5 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की। कंपनी के शेयरधारकों में से करीब 99.9 फीसदी ऐसे आम शेयरधारक हैं जिन्हें तरजीही शेयरों का आवंटन नहीं हुआ है, लेकिन इन शेयरधारकों के पास कंपनी की एक फीसदी से भी कम हिस्सेदारी है।
कंपनी ने ऐसे कई ऐलान और खुलासे उस समय किए जब पहली खेप के तरजीही आवंटन की लॉक-इन अवधि चल रही थी। इसकी वजह से आवंटन हासिल करने वालों को भारी मुनाफा हुआ। कई आवंटियों को तो महज 10 रुपये की भाव पर शेयर मिल गए।
सेबी के मुताबिक कंपनी ने यह दिखाने की कोशिश की कि वह कारोबार का विस्तार करने जा रही है। इसके लिए प्रतिष्ठित कंपनियों से कारोबार के दावे, बिना अस्तित्व वाली कंपनियों के साथ ऊंचे मूल्य के ऑर्डर की फर्जी जानकारी और फर्जी तकनीकी और इंजीनियरिंग विशेषज्ञता का दावा किया गया। इस तरह के फर्जी खुलासों और दावों से शेयर की कीमत में भारी उछाल आई।
पिछले एक साल में भारत ग्लोबल के शेयर में 105 गुना उछाल आई। नवंबर 2023 में इसका एक शेयर 16.14 रुपये का था, लेकिन नवंबर 2024 तक इसकी कीमत उछलकर 1,703 रुपये तक पहुंच गई।
सेबी के आदेश में इसके पूर्णकालिक सदस्य अश्वनी भाटिया ने कहा, ‘यह कपटपूर्ण धोखाधड़ी आम जनता की कीमत पर की जा रही थी, जो लागू कानून के तहत किसी कंपनी द्वारा एक्सचेंज को दिए गए खुलासों पर भरोसा करती है।’
भारत ग्लोबल डेवलपर्स ने एक बड़े बोनस और शेयर विभाजन का भी ऐलान किया था जिसके लिए रिकॉर्ड तिथि 26 दिसंबर थी। इसे ‘मुफ्त शेयर’ समझकर निवेशक इसमें काफी रुचि ले रहे थे।
आदेश में कहा गया है, ‘यह धोखाधड़ी जिस पैमाने पर की गई है और जिस तरह से करीब एक साल में ही इससे इतना कुछ हासिल किया गया, वह चौंकाने वाला है। इससे साफ लगता है कि कंपनी प्रबंधन का इरादा निवेशकों को गुमराह करने का था।’सेबी ने इस फर्जीवाड़े में लिप्त कई अन्य लोगों के भी बैंक और डीमैट खाते फ्रीज कर दिए हैं।