भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई)केलिए अपने नो योरक्लाइंट (केवाईसी) नियमों की समीक्षा करने का फैसला किया है।
सेबी का फैसला 17 मई 2004 में शेयर बाजार में आई जबरदस्त गिरावट के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार गोल्डमैन सैक्स को इस आरोप से बरी किए जाने के बाद आया है। इसी मामले से जुड़े एक अन्य अभियुक्त यूबीएस सिक्योरिटीज को इस आरोप से पहले ही मुक्त कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि 17 मई 2004 को बंबई शेयर बाजार में 824 अंकों की जबरदस्त गिरावट आई थी जिसके कारण बाजार में सर्किट लगा था और वह अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया और उस दिन कारोबार दिन में दो बार रोकना पड़ा। इस दिन को बाजार के इतिहास में काला सोमवार कहा जाता है।
इसके बाद सेबी के तात्कालिक अध्यक्ष एम दामोदरन केनेतृत्व में सेबी ने शेयर बाजार में आई इस जबरदस्त गिरावट में यूबीएस और गोल्डमैन सैक्स का कथित तौर पर हाथ होने की जांच कराई थी। कहा गया कि यह खेल पार्टिसिपेटरी नोट के जरिए किया गया।