सर्वोच्च न्यायालय ने एक शेयर अधिग्रहण मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को निर्देश दिया है कि वह रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को जांच दस्तावेज उपलब्ध कराए। सर्वोच्च न्यायालय ने आज कहा कि निष्पक्ष रूप से कार्य करना नियामक का कर्तव्य है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी एवं न्यायमूर्ति हेमा कोहली के पीठ ने कहा कि सेबी का कर्तव्य है कि वह निष्पक्ष रूप से कार्य करे और आरआईएल द्वारा मांगे गए दस्तावेज प्रस्तुत करे।
न्यायालय ने कहा, ‘नियामक के रूप में सेबी का कर्तव्य है कि वह निष्पक्ष रूप से कार्य करे। यह कानून के शासन को दरकिनार करने के लिए नहीं है और निष्पक्षता दिखानी होगी। हम सेबी को आरआईएल द्वारा मांगे गए दस्तावेज को प्रस्तुत करने का निर्देश देते हैं।’
शीर्ष न्यायालय ने इस साल के आरंभ में मामले की सुनवाई के दौरान बाजार नियामक को सलाह दी थी कि आरआईएल को इन दस्तावेजों तक पहुंच सुनिश्चित करे लेकिन संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। सेबी ने इन दस्तावेजों को ‘विशेषाधिकृत सूचना’ करार दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने मई में सेबी से कहा था कि ये दस्तावेज कंपनी के पक्ष में होंगे अन्यथा वह (आरआईएल) इसके बारे में नहीं पूछती। इसलिए सेबी आरोपी को इन दस्तावेजों की कॉपी उपलब्ध कराए। अदालत ने कहा कि अभियोजक द्वारा दस्तावेज पर भरोसा करने के बाद निष्पक्ष सुनवाई के लिए प्रतिवादी को उसे हासिल करने का अधिकार है।