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डेट सिक्योरिटी के खुलासा प्रावधान में SEBI ने किए बदलाव

सेबी ने कहा कि प्रतिभूति जारीकर्ताओं की तरफ से दाखिल किए जाने वाले GID में सामान्य अनुसूची में उल्लिखित सूचनाएं और खुलासे शामिल होंगे।

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भाषा   
Last Updated- July 07, 2023 | 2:20 PM IST

बाजार नियामक सेबी ने ऋण प्रतिभूतियां जारी करने वाले संस्थानों को बार-बार दस्तावेज जमा करने से राहत देने के लिए नियमों को अधिसूचित कर सामान्य सूचना और प्रमुख सूचना दस्तावेज़ की संकल्पना पेश की है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि प्रतिभूति जारीकर्ताओं की तरफ से दाखिल किए जाने वाले सामान्य सूचना दस्तावेज़ (जीआईडी) में सामान्य अनुसूची में उल्लिखित सूचनाएं और खुलासे शामिल होंगे।

पहली बार प्रतिभूति जारी करते समय शेयर बाजारों के पास इसे जमा करना होगा। सेबी ने कहा कि जीआईडी की वैधता अवधि एक वर्ष होगी। इसके बाद वैधता अवधि के भीतर गैर-परिवर्तनीय प्रतिभूतियों के निजी आवंटन के लिए प्रतिभूति जारीकर्ताओं को शेयर बाजारों के पास केवल एक प्रमुख सूचना दस्तावेज (केआईडी) दाखिल करना होगा। केआईडी में वित्तीय जानकारियों का ब्योरा शामिल होगा।

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सेबी के मुताबिक, जीआईडी और केआईडी की संकल्पना को शुरुआती दौर में 31 मार्च, 2024 तक ‘अनुपालन या स्पष्टीकरण’ के आधार पर लागू किया जाएगा और उसके बाद इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा।

सेबी ने इस अधिसूचना के जरिये ऋण प्रतिभूतियों या गैर-परिवर्तनीय तरजीही शेयरों को जारी करने के मसौदे में किए जाने वाले खुलासों के बीच समरूपता स्थापित करने की कोशिश की है। संशोधित नियम बृहस्पतिवार से लागू हो गए हैं।

First Published : July 7, 2023 | 2:20 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)