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2016 से अदाणी की जांच का आरोप बेबुनियाद: सेबी

Published by
समी मोडक
Last Updated- May 15, 2023 | 10:31 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने आज सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि वह अदाणी समूह की किसी भी सूचीबद्ध फर्म की 2016 से जांच नहीं कर रहा है। कुछ याचियों ने पिछले दिनों सेबी पर यह आरोप लगाया था। उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदाणी समूह के ​खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की मांग भी की है। बाजार नियामक सेबी ने अदालत को बताया कि याचियों ने अपने जवाबी हलफनामे में जिन बातों का जिक्र किया है, उसका हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उल्लिखित मामलों से कोई संबंध नहीं है।

सेबी ने अपने जवाबी हलफनामे में कहा, ‘मैं बताना चाहता हूं कि पैराग्राफ 5 में उल्लिखित मामला भारत की 51 सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट (जीडीआर) जारी किए जाने के बारे में है, जिसकी जांच की गई थी। मगर उन 51 कंपनियों में अदाणी समूह की कोई भी सूचीबद्ध कंपनी नहीं थी। इसलिए यह आरोप तथ्यात्मक रूप से निराधार है कि सेबी 2016 से ही अदाणी की जांच कर रहा है।’

कुछ याचियों ने अदालत में कहा था कि अदाणी मामले की जांच पूरी करने के लिए 6 महीने की मियाद और दिए जाने की सेबी की मांग खारिज कर देनी चाहिए क्योंकि वह पहले से ही अदाणी समूह की जांच कर रहा था। याचियों के इन आरोपों के बाद नियामक ने नया हलफनामा दा​खिल किया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला के पीठ ने समय की कमी के कारण मामले की सुनवाई रोक दी। एक वकील ने कहा कि अदालत ने सुनवाई अब 10 जुलाई को करने के संकेत दिए हैं।

पिछले शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने जांच पूरी करने के लिए सेबी को तीन महीने का और वक्त दिए जाने के संकेत दिए थे। नए हलफनामे में सेबी ने जांच पूरी करने के लिए और समय की मांग दोहराई। सेबी ने कहा कि निवेशकों तथा शेयर बाजार के हित ध्यान में रखते हुए जांच पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया है क्योंकि गलत या आधा-अधूरा निष्कर्ष न्याय के उद्देश्यों को पूरा नहीं करेगा।

सेबी ने सार्वजनिक तौर पर पहली बार बताया कि उसने अदाणी समूह की फर्मों द्वारा न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों के संभावित उल्लंघन की जांच के बारे में 11 विदेशी नियामकों से संपर्क किया था। सेबी ने कहा, ‘न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता संबंधी जांच में सेबी ने इंटरनैशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ सिक्योरिटीज कमीशन्स के साथ किए गए बहुपक्षीय समझौते के तहत 11 विदेशी नियामकों से संपर्क किया है। विदेशी नियामकों से इस बारे में पहली बार 6 अक्टूबर, 2020 को अनुरोध किया गया था।’ नियामक ने कहा कि उसने शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति को विदेशी नियामकों से प्राप्त प्रतिक्रिया और ​स्थिति की जानकारी दे दी है।

First Published : May 15, 2023 | 10:31 PM IST