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NFO Alert: देश के सबसे बड़े फंड हाउस SBI Mutual Fund ने नया SBI Nifty IT Index Fund लॉन्च किया है। ये एक ओपन-एंडेड स्कीम है जो Nifty IT Index को ट्रैक या रिप्लिकेट करती है। इस New Fund Offer (NFO) का टाइम पीरियड 4 फरवरी से 17 फरवरी 2025 तक रहेगा। यह फंड आईटी सेक्टर में निवेश के इच्छुक निवेशकों के लिए शानदार मौका पेश करता है।
SBI Mutual Fund: निवेश का उद्देश्य
इस स्कीम का मकसद Nifty IT Index में शामिल सिक्योरिटीज़ के कुल रिटर्न्स के समान रिटर्न देना है, लेकिन इसमें tracking error हो सकता है और रिटर्न की गारंटी नहीं दी जा सकती।
SBI Mutual Fund: कहां होगा निवेश?
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एसबीआई म्यूचुअल फंड का नया ऑफर: 15 दिनों में एग्जिट पर चार्ज, जानें मिनिमम इन्वेस्टमेंट डिटेल्स
एग्जिट लोड स्ट्रक्चर
अगर आप एलॉटमेंट के 15 दिनों के भीतर स्कीम से बाहर निकलते हैं, तो आपको 0.25% एग्जिट लोड देना होगा। लेकिन 15 दिनों के बाद एग्जिट पर कोई चार्ज नहीं लगेगा।
ध्यान दें, एएमसी एग्जिट लोड स्ट्रक्चर को भविष्य में बदलने का अधिकार रखता है।
मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट / स्विच-इन डिटेल्स
अगर आप एसबीआई म्यूचुअल फंड की किसी अन्य स्कीम से स्विच करना चाहते हैं (लॉक-इन पीरियड पूरा होने के बाद), तब भी मिनिमम अमाउंट ₹5,000 ही होगा।
निरंतर आधार पर इन्वेस्टमेंट (On continuous basis):
SIP के जरिए भी करें निवेश
आप डेली, वीकली, मंथली, क्वार्टरली, सेमी-एनुअल और एनुअल SIP के जरिए भी निवेश कर सकते हैं।
बेंचमार्क: Nifty IT TRI Index से होगा परफॉर्मेंस कंपेयर
इस स्कीम का बेंचमार्क Nifty IT TRI Index होगा। इसका चुनाव इसलिए किया गया है क्योंकि स्कीम का बड़ा हिस्सा उन्हीं सिक्योरिटीज में निवेश करेगा, जो इस इंडेक्स में शामिल हैं। इसकी कंपोजिशन इस स्कीम की परफॉर्मेंस को मापने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
हालांकि, ट्रस्टी को अधिकार होगा कि वे मार्केट कंडीशन्स बदलने पर बेंचमार्क में बदलाव कर सकते हैं। अगर कोई और इंडेक्स बेहतर कंपैरिजन का आधार देता है, तो उसे लागू किया जा सकता है।
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SBI MF: निवेश रणनीति
यह स्कीम Nifty IT Index को फॉलो करेगी और “पैसिव” या इंडेक्सिंग अप्रोच का उपयोग करेगी ताकि अपने निवेश के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। दूसरी फंड्स के मुकाबले, यह स्कीम मार्केट को “बीट” करने की कोशिश नहीं करेगी और ना ही मार्केट में गिरावट या ओवरवैल्यूएशन की स्थिति में कोई डिफेंसिव पोजीशन लेगी।
AMC (Asset Management Company) का फोकस किसी विशेष स्टॉक या इंडस्ट्री से जुड़े निवेश के फायदे-नुकसान का आकलन करने पर नहीं होगा और ना ही यह आर्थिक, वित्तीय या मार्केट एनालिसिस पर आधारित फैसले लेगा। इंडेक्सिंग अप्रोच अपनाने का मतलब है कि इसमें एक्टिव मैनेजमेंट के जोखिम से बचा जा सकेगा।
स्कीम का निवेश कहां होगा?
इस स्कीम का मुख्य निवेश उन सिक्योरिटीज में होगा जो इसके अंडरलाइनिंग इंडेक्स का हिस्सा हैं। हालांकि, कॉरपोरेट एक्शन (जैसे मर्जर, री-कंस्टीट्यूशन) की स्थिति में स्कीम उन स्टॉक्स में भी निवेश कर सकती है जो फिलहाल इंडेक्स में शामिल नहीं हैं। यह निवेश कुल एसेट का अधिकतम 5% हो सकता है।
यदि इंडेक्स में किसी बदलाव की संभावना हो, जैसे किसी कंपनी को जोड़ना या हटाना, तो स्कीम इन बदलावों के अनुसार अपने पोर्टफोलियो को 7 दिनों के अंदर री-बैलेंस कर लेगी।
डेरिवेटिव स्ट्रैटेजी:
स्कीम को रेगुलेशन के अनुसार नॉन-हेजिंग उद्देश्यों के लिए डेरिवेटिव्स में एक्सपोजर लेने की अनुमति है। हालांकि, डेरिवेटिव्स में निवेश जोखिम भरा हो सकता है क्योंकि यह लीवरेज्ड इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं, जिनसे इन्वेस्टर को ज्यादा मुनाफा भी हो सकता है और नुकसान भी।
फंड मैनेजर का काम सही अवसरों की पहचान करना और उन पर सही समय पर फैसले लेना है, लेकिन इसमें अनिश्चितता होती है और हमेशा मुनाफा होने की गारंटी नहीं होती। डेरिवेटिव्स के इस्तेमाल से जुड़े जोखिम पारंपरिक निवेश की तुलना में अलग या ज्यादा हो सकते हैं।
फंड मैनेजर:
इस स्कीम के फंड मैनेजर हर्ष सेठी होंगे, जो मई 2007 से SBI Mutual Fund से जुड़े हुए हैं। वह SBI Nifty IT ETF, SBI Nifty Consumption ETF, SBI Nifty Private Bank ETF जैसे कई बड़े पैसिव फंड्स को मैनेज करते हैं।
(*डिस्कलेमर: यहां NFO की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)