भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने डिपोजिटरी रिसीप्ट (डीआर) में विदेशी निवेश पर नजर रखने के संबंध में कस्टोडियन के लिए जरूरी नियमों का क्रियान्वयन फिलहाल टाल दिया है। 1 अप्रैल से लागू होने वाले नए मानकों को एक महीने तक स्थगित कर दिया गया था। इन मानकों में संबद्घ डिपोजिटरी कारोबारियों या कस्टोडियन को ऑफशोर डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंटस (ओडीआई) और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के नियंत्रित वाले डीआर और एफपीआई के निवेशक समूह से संबद्घ विदेशी इकाइयों पर हर महीने जानकारी एकत्रित करने, निगरानी करने और रिपोर्ट करने की जरूरत है।
एक डिपोजिटरी द्वारा कस्टोडियन को भेजी एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बाजार कारोबारियों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर सेबी ने 1 अक्टूबर 2020 के अपने सर्कुलर पर अमल की सलाह दी है, और इन्हें आगामी निर्देश तक स्थगित रखा जा सकता है।’
कस्टोडियन के साथ साथ उद्योग संगठन एशिया सिक्योरिटीज इंडस्ट्री ऐंड फाइनैंशियल मार्केट्स एसोसिएशन (आसिफमा)ने नियामक से इन मानकों को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसके लिए आसिफमा ने इस सर्कुलर के क्रियान्वयन में कानूनी बाधाओं और चुनौतियों का हवाला दिया था।
उद्योग संगठन ने नियामक को भेजे एक ताजा पत्र में कहा है कि अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संगठन में निवेशक इस सर्कुलर के बारे में कानूनी सलाह हासिल कर रहे हैं। संगठन ने इसका समाधान निकालने के प्रयास में सेबी के साथ बातचीत भी की है।