भारती एयरटेल और आइडिया सेल्युलर के जनवरी में अपने लाइफ टाइम प्रीपेड ग्राहकों के लिये अपनी कॉल दरों को घटाने के बाद उसके उपभोक्ता ज्यादा बात कर रहे हैं।
जबकि 19,068 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली रिलायंस के मामले में ऐसा नहीं हुआ और उसके मिनट ऑफ यूसेज में वित्तीय वर्ष 2008 की तिमाही में 4 फीसदी की गिरावट देखी गई जबकि भारती एयरटेल के मिनट ऑफ यूसेज में 7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
प्रबंधन का कहना है ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हम फ्री मिनट्स के संतुलन का प्रयास कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक प्रयोगकर्ता से प्राप्त राजस्व में भी 6.5 फीसदी की गिरावट आई। जबकि भारती का ऑरपस(प्रति प्रयोगकर्ता से प्राप्त होने वाला राजस्व) बढ़ा। कंपनी केऑरपस के घटने का मतलब है कि उसके वायरलेस बिजनेस से प्राप्त होने वाले राजस्व में मात्र 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
इसके बजाय टेल्को का सब्सक्राइबर बेस 12 फीसदी से भी ज्यादा रहा। यद्यपि कंपनी का मोबाइल ऑपरेटिंग प्रॉफिट 0.3 फीसदी बढ़कर 40 फीसदी हो गया क्योंकि कंपनी को इंटरकनेक्ट चार्जेज में आई कटौती का फायदा मिला।पिछले कुछ तिमाहियों के निराशाजनक रहने के बाद कंपनी का अंतरराष्ट्रीय कारोबार 15 फीसदी बढ़ा।
जबकि कंपनी का नेट प्रॉफिट 16.6 फीसदी बढ़कर 1,627 करोड़ हो गया लेकिन यह कंपनी के वायरलेस बिजनेस में अच्छे प्रदर्शन से न होकर टैक्स रिवर्सल की वजह से रहा। रिलायंस कम्युनिकेशंस अभी सीडीएसए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है और कंपनी की वित्तीय वर्ष 2009 की तीसरी तिमाही तक सभी नये सर्किलों में अपनी जीएसएम सेवाओं के विस्तार की योजना है।
जून 2009 तक कंपनी का लक्ष्य देश की 70 फीसदी आबादी तक अपनी पहुंच बनाना है। भारती द्वारा हाल में ही रोमिंग और एसटीडी चार्जेज में की गई कटौती से रिलायंस भी प्राइस वार में उतर सकती है। बाजार के विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में संभावनाएं तो अवश्य है लेकिन डयूल नेटवर्क रणनीति के मामले में कुछ जोखिम भी हैं।
मैरिको: मुश्किल में टॉपलाइन ग्रोथ
रुपये 1,907 करोड़ की मैरिको के मुख्य ब्रांड पैराशूट की बिक्री दर में मार्च 2008 की तिमाही में गिरावट आई है। पैराशूट हेयर ऑयल के वॉल्यूम की बिक्री सुस्त होकर 5 फीसदी रही। जबकि पिछली तिमाहियों में कंपनी के इस ब्रांड की बिक्री की दर 8 फीसदी के करीब रही थी। कंपनी की मार्च 2008 की तिमाही में 18 फीसदी की कुछ कम बढ़त सालाना बढ़त 22.5 फीसदी से काफी कम रही। इस बढ़त में 17 फीसदी हिस्सेदारी ऑर्गेनिक ग्रोथ की है।
हालांकि वैल्यू एडेड हेयर ऑयल और एडिबल ऑयल ब्रांड सफोला की बिक्री में बढ़ोतरी हुई जबकि मैरिको ने बढ़ती लागत के कारण सफोला और स्वीकार के दाम में 20 फीसदी से भी अधिक की बढ़ोतरी कर दी थी। कंपनी को ऊंचे वेज बिल के कारण वित्तीय वर्ष 2008 की चौथी तिमाही में ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में गिरावट देखी। वित्तीय वर्ष 2008 में मार्जिन 12.6 फीसदी था जो पिछले साल के दौरान एक फीसदी की गिरावट को दिखाता है।
मैरिको ने मजबूत पोर्टफोलियो का निर्माण किया है और वह भविष्य में सफोला ब्रांड की तरह और नये खाद्य उत्पाद लांच कर सकती है। कंपनी केकाया स्किन क्लिनिक प्रसिध्द हो रहे है हालांकि वित्तीय वर्ष में इनकी संख्या मात्र 65 है। इस चेन से कंपनी को पांच करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट हुआ और कंपनी का राजस्व 34 फीसदी की बढ़त के साथ 100 करोड़ रुपये रहा।
मैरिको को भारतीय उपभोक्ताओं में ब्रांडेड उत्पादों के प्रति बढ़ती रुचि का फायदा मिल सकता है। कंपनी की योजना अपने कारोबार को विस्तारित करने की है ताकि कंपनी अधिक राजस्व कमा सके। कंपनी केराजस्व में अगले कुछ सालों में 17 से 18 फीसदी की बढ़ोतरी की संभावना है लेकिन कंपनी की हर साल 15 काया क्लिनिक खोलने की योजना और कमजोर अंतरराष्ट्रीय कारोबार केकारण कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन धीमा रह सकता है।
इसका कारण है कि कंपनी की इन योजनाओं के लाभ प्राप्त करने में अभी वक्त लगेगा। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2009 के अंत तक 2,250 रुपये के राजस्व के साथ 190 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाने का लक्ष्य रखा है। मौजूदा बाजार मूल्य 67 रुपये केस्तर पर कंपनी केस्टॉक का कारोबार वित्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित आय से 22 गुना के स्तर पर हो रहा है। कंपनी का स्टॉक इस समय महंगा है।