Rail Stocks: सरकार ने हालिया बजट में भारतीय रेल को बीते पांच वर्षों की तुलना में अधिक बजट का आवंटन किया है। इन पांच वर्षों में महामारी के दौर के वर्ष भी शामिल हैं। आगामी वित्त वर्ष 2024-25 (वित्त वर्ष 25) में रेलवे के लिए परिव्यय 2.6 लाख करोड़ रुपये रखा गया है जबकि वित्त वर्ष 15 से 19 के दौरान कुल 2.2 लाख करोड़ रुपये था।
वित्त वर्ष 25 में माल भाड़े से आमदनी 6.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। यह चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों से 2.5 प्रतिशत से अधिक है। माल भाड़े की तुलना में यात्री किराए से आमदनी अधिक बढ़ने की उम्मीद है। आकलन यह है कि यात्री किराए में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि होगी। व्यापक रुझानों के मुताबिक महामारी के बाद से माल भाड़े की तुलना में यात्री किराए से आमदनी अधिक तेजी से बढ़ी है।
भारतीय रेलवे का परिचालन अनुपात हर 100 रुपये कमाने पर खर्च की जाने वाली राशि है। भारतीय रेलवे को अपने सबसे बुरे दौर महामारी के दौरान आमदनी से अधिक खर्च करना पड़ा था। इसके बाद स्थिति सामान्य हुई हैं। वित्त वर्ष 25 में कुल खर्चा बढ़ने के बावजूद भारतीय रेल का परिचालन अनुमान 98.22 रुपये होने का अनुमान है।
पूंजीगत व्यय के प्रमुख क्षेत्रों के लिए आवंटन बढ़ा है। महामारी से पहले के दौर की तुलना में रेल पटरी को बदलने के लिए खर्च की जाने वाली राशि 77 प्रतिशत बढ़ गई है। रोलिंग स्टॉक में ट्रेन के डिब्बे और वैगन शामिल हैं और यह मद 87 प्रतिशत बढ़ गया है। नई लाइनों के निर्माण लिए परिव्यय 284 प्रतिशत बढ़ गया है।
बजट में अधिक राशि आवंटित किए जाने का असर रेलवे के शेयरों पर पड़ा है और इसने शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय रेलवे से जुड़ी कंपनियों ने इस वित्त वर्ष में 1 फरवरी तक 300 प्रतिशत से अधिक लाभ अर्जित किया। निफ्टी बाजार का प्रतिनिधित्व करने वाला मार्केट निफ्टी 50 इस अवधि में 25 प्रतिशत अधिक ही चढ़ा है।