बाजार नियामक सेबी ने इक्विटी से जुड़े पैसिव फंडों को समूह कंपनियों में 25 फीसदी निवेश सीमा से अलग रखने का प्रस्ताव रखा है। नियामक ने कहा है कि इस कदम से एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों व इंडेक्स फंडों को पोर्टफोलियो और बेंचमार्क के बीच कीमत व्यवहार में अंतर का पता चल पाएगा।
अभी सभी इक्विटी योजनाओं (चाहे ऐक्टिव हो या पैसिव) को समूह कंपनियों में निवेश करते समय 25 फीसदी सीमा का अनुपालन करना होता है।
समूह कंपनियों में निवेश पर सीमा सेक्टोरल पैसिव पेशकश के लिए अवरोध हो सकता है, जहां इंडेक्स का 25 फीसदी से ज्यादा एक कंपनी में हो। सेबी की योजना नियमन में नरमी सिर्फ व्यापक ट्रैकिंग वाले इंडेक्स आदि में लाने की है।
यह प्रस्ताव सेबी के चर्चा पत्र का हिस्सा है, जो म्युचुअल फंडों के लिए कारोबारी सुगमता में बढ़ोतरी से जुड़ा है। अन्य प्रस्ताव फंड हाउस को कमोडिटी व विदेशी निवेश के लिए एकल फंड मैनेजर की अनुमति देने का है। अभी म्युचुअल फंडों को कमोडिटी व विदेशी निवेश के लिए समर्पित फंड मैनेजर रखना अनिवार्य है।