उत्तर भारत में अस्पतालों की चेन चलाने वाली कंपनी Park Medi World अपना IPO बुधवार, 10 दिसंबर 2025 से निवेशकों के लिए खोल रही है। यह ₹920 करोड़ का इश्यू है, जिसमें ₹770 करोड़ का फ्रेश इश्यू और ₹150 करोड़ का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। OFS के तहत केवल प्रमोटर अजीत गुप्ता अपने कुछ शेयर बेच रहे हैं। IPO का प्राइस बैंड ₹154 से ₹162 प्रति शेयर तय किया गया है, जबकि न्यूनतम आवेदन 92 शेयरों के एक लॉट का होगा। यह इश्यू 10 से 12 दिसंबर तक खुला रहेगा और कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 17 दिसंबर 2025 को होने की संभावना है।
IPO से पहले ही Park Medi World के शेयर ग्रे मार्केट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। 8 दिसंबर 2025 को कंपनी का अनलिस्टेड शेयर ₹193 पर ट्रेड हो रहा था, जो कि ऊपरी प्राइस बैंड ₹162 से करीब ₹33 या 20 प्रतिशत अधिक है। IPO का रजिस्ट्रार Kfin Technologies है जबकि इश्यू को मैनेज करने की जिम्मेदारी Nuvama Wealth Management, CLSA India, DAM Capital Advisors और Intensive Fiscal Services को दी गई है।
कंपनी के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) के अनुसार 30 सितंबर 2025 तक Park Medi World पर ऐसी देनदारियां मौजूद हैं, जो भविष्य में सामने आने पर वित्तीय स्थिति पर दबाव डाल सकती हैं। कंपनी की नेटवर्थ के मुकाबले उसकी कंटिजेंट लाइबिलिटी 11.66 प्रतिशत है, वहीं कंपनी और उसकी सहयोगी कंपनियों द्वारा दी गई कॉरपोरेट गारंटी नेटवर्थ के 71.58 प्रतिशत के बराबर है। अगर ये देनदारियां सच में चुकानी पड़ीं, तो कंपनी को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा और इससे उसके मुनाफे और कैश पर असर पड़ सकता है।
Park Medi World की क्रेडिट रेटिंग में बीते वर्ष कुछ उतार-चढ़ाव रहे हैं, जो कंपनी के लिए जोखिम का संकेत देते हैं। दिसंबर 2024 में CARE Ratings ने कंपनी की लंबी अवधि वाली सुविधाओं की रेटिंग CARE A- (Stable) से घटाकर CARE BBB+ (Stable) कर दी थी। इसके बाद जनवरी 2025 में यह रेटिंग हटा दी गई। इसी दौरान BRL ने भी कंपनी की रेटिंग घटाई और बाद में लोन चुक जाने पर रेटिंग वापस ले ली। रेटिंग में ऐसे उतार-चढ़ाव का मतलब है कि कंपनी को भविष्य में उधार लेना महंगा पड़ सकता है और उसकी वित्तीय स्थिति पर दबाव बढ़ सकता है।
Park Medi World अपनी सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ पर काफी निर्भर है। लेकिन 30 सितंबर 2025 तक कंपनी से लगभग 34% डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके थे, जो कि काफी ज्यादा है। भारत में अच्छे और अनुभवी डॉक्टर कम हैं, इसलिए कंपनी के लिए उन्हें अपने साथ बनाए रखना मुश्किल होता जा रहा है। अगर कंपनी अच्छे डॉक्टरों और सीनियर मेडिकल स्टाफ को जोड़ने और रोककर रखने में सफल नहीं होती, तो इससे उसके अस्पतालों के कामकाज और भविष्य की बढ़त पर बुरा असर पड़ सकता है।
कंपनी की कमाई का बड़ा हिस्सा हरियाणा के अस्पतालों से आता है, इसलिए उसका कारोबार इस एक राज्य पर काफी निर्भर है। सितंबर 2025 तक के छह महीनों में कंपनी की 69% से ज्यादा आय सिर्फ हरियाणा से मिली। पिछले सालों में भी कमाई का बड़ा हिस्सा इसी राज्य से आता रहा है। कंपनी के 14 में से 8 अस्पताल हरियाणा में हैं, इसलिए यदि इस राज्य में कोई परेशानी या खराब स्थिति होती है, तो उसका सीधा असर कंपनी की कमाई और कारोबार पर पड़ सकता है।
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Park Medi World तेजी से बढ़ने के लिए नए अस्पताल खरीदने की रणनीति अपना रही है। 30 सितंबर 2025 तक कंपनी 8 अस्पताल खरीद चुकी है, जिससे उसके नेटवर्क में 1,650 नए बेड जुड़ गए हैं। कंपनी आगे भी इसी तरह नए अस्पताल खरीदकर विस्तार करना चाहती है। लेकिन नए अस्पतालों को अपने सिस्टम में मिलाना, समय पर शुरू करना और उनसे उम्मीद के मुताबिक फायदा कमाना आसान नहीं होता। अगर ये अधिग्रहण योजना सही तरीके से काम नहीं करती, तो कंपनी की बढ़त और भविष्य की योजनाओं पर असर पड़ सकता है।