भारत का प्रमुख स्टॉक मार्केट इंडेक्स NSE Nifty 50 इस साल अब तक 7% गिर चुका है और सितंबर 2024 में बने 26,277 के शिखर से 16% नीचे आ चुका है। यह गिरावट बाजार में मंदी (Bear Market) की आशंका बढ़ा रही है। निफ्टी ने अपने कई महत्वपूर्ण मूविंग एवरेज स्तर तोड़ दिए हैं और 9 महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गया है। इसके अलावा, यह लगातार 5 महीनों से गिर रहा है, जो कि नवंबर 1996 के बाद पहली बार हुआ है। हालांकि, कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह बाजार के लिए अच्छा मौका भी हो सकता है।
एक्सिस सिक्योरिटीज का नजरिया:
एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अक्षय चिंचालकर के अनुसार, पिछले 10 सालों में (कोविड-19 के समय को छोड़कर) निफ्टी की गिरावट 100-वीकली मूविंग एवरेज (WMA) के आसपास थमी है, जो इस बार 21,900 के स्तर पर है।
निफ्टी में तेजी लौटने के 5 संकेत
एक्सिस सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट “Nifty at 22,000 – An Opportunity Beckons” में 5 महत्वपूर्ण कारण बताए हैं, जिनसे बाजार में फिर से तेजी (Bullish Trend) आने की उम्मीद है—
1. बुल्स स्वीट स्पॉट
पिछले 10 सालों में, जब भी निफ्टी 100-WMA के 3% दायरे में गिरा है, तो उसके बाद जबरदस्त तेजी (Bull Run) आई है। 2016 में भी यही हुआ था, और फिर मार्केट ने ऊंची उड़ान भरी थी। इस बार भी कहानी दोहराई जा सकती है।
2. फिबोनाची रिट्रेसमेंट स्तरों पर निफ्टी
तकनीकी एनालिसिस कहता है कि निफ्टी 21,800 – 22,000 के दायरे में एक मजबूत सपोर्ट पर खड़ा है। फिबोनाची रिट्रेसमेंट लेवल्स भी यही इशारा कर रहे हैं। यहां से उछाल आ सकता है।
3. बेहद कमजोर बाजार स्थिति (Poor Market Breadth)
NSE 500 के सिर्फ 7.6% स्टॉक्स 50-दिन के मूविंग एवरेज के ऊपर हैं, और 10.1% स्टॉक्स ही 200-दिन के मूविंग एवरेज से ऊपर हैं। इतिहास कहता है कि जब भी मार्केट इतनी बुरी हालत में पहुंचा है, तो उसके बाद तगड़ा उछाल आया है।
4. आरएसआई इंडिकेटर ओवरसोल्ड जोन में
निफ्टी का 14-वीक रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 33-40 के स्तर पर आ गया है, जिसे “बुल मार्केट ओवरसोल्ड ज़ोन” कहा जाता है। इतिहास बताता है कि 87% मामलों में, जब बाजार इस स्तर तक गिरा है, तो वहां से तेजी आई है।
5. मार्च इफेक्ट और इवन/ऑड इयर पैटर्न
मार्च महीना हमेशा मार्केट के लिए बढ़िया रहा है, जहां 2009 से अब तक औसतन 1.7% की तेजी आई है। और मजेदार बात? इतिहास में निफ्टी ने कभी भी लगातार 6 महीने की गिरावट दर्ज नहीं की। इतिहास बताता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के बाद भारत का शेयर बाजार 75-83% बार तेजी दिखाता है, और मीडियान रिटर्न 17-21% के बीच रहता है।
नतीजा: बाजार में डर, लेकिन मौका भी
रिपोर्ट के अंत में एक्सिस सिक्योरिटीज ने कहा कि बाजार में इस समय अत्यधिक डर और नकारात्मकता है, जो अक्सर मजबूत तेजी (Bull Market) की शुरुआत का संकेत होता है। हालांकि, कोई बड़ा सकारात्मक संकेतक नहीं दिख रहा, लेकिन इतिहास, तकनीकी विश्लेषण और सेक्टोरल वैल्यूएशन को देखते हुए बाजार मीडियम टर्म के लिए निचले स्तर के करीब हो सकता है।