Govt appoints Finance Secretary Tuhin Kanta Pandey as next Sebi chief
New SEBI chief: केंद्र सरकार ने वित्त सचिव तुहिन कांता पांडे को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। वह माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी है। वह तीन साल के लिए या अगले आदेश तक इस पद पर बने रहेंगे। इसकी जानकारी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने दी है।
तुहिन कांता पांडे 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और ओडिशा कैडर से आते हैं। उन्होंने DIPAM (Department of Investment and Public Asset Management) के सचिव के रूप में पांच साल तक काम किया। इसके बाद, सितंबर 2023 में उन्हें वित्त सचिव बनाया गया। उन्होंने 9 जनवरी 2024 को राजस्व सचिव का कार्यभार भी संभाला।
पांडे को ऐसे समय सेबी की जिम्मेदारी दी गई है जब शेयर बाजार में निवेशकों की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। उनके नेतृत्व में बाजार से जुड़े नियमों और नीतियों में क्या बदलाव होंगे, इस पर सभी की नजर रहेगी।
सरकार ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के चेयरपर्सन पद के लिए आवेदन मांगे थे, जिसकी अंतिम तारीख 17 फरवरी थी।
पांडे को राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया की लंबी अवधि से लंबित बिक्री को पूरा करने का श्रेय दिया जाता है। साथ ही, उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के सार्वजनिक निर्गम (IPO) को सफल बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब वह DIPAM सचिव के पद पर थे।
वहीं, मौजूदा SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच के कार्यकाल में बाजार निगरानी और नियामकीय सुधारों को लेकर उनकी भूमिका सराहनीय रही है। हालांकि, उनके खिलाफ ‘हितों के टकराव’ का विवाद चर्चा में है, जिसे सबसे पहले अब बंद हो चुके हिंडनबर्ग रिसर्च ने उठाया था और बाद में विपक्षी कांग्रेस ने भी इसे मुद्दा बनाया।
अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में सेबी की जांच शुरू हुए एक साल से ज्यादा हो चुका है, लेकिन अब अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग ने सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच से जुड़ी एडवाइजरी फर्मों को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। हिंडनबर्ग ने हितों के टकराव और आचार संहिता के उल्लंघन का दावा किया है।
इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस ने माधबी पुरी बुच के निजी निवेश, उनके पिछले नियोक्ता से मिले कर्मचारी स्टॉक और उनके पति धवल बुच के ब्लैकस्टोन से जुड़े होने को लेकर सवाल उठाए हैं।
हालांकि, पुरी बुच और उनके पति ने इन आरोपों का खंडन किया है। इसके बावजूद लोक लेखा समिति (PAC) ने माधबी पुरी बुच को समन भेजा, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी के चलते सेशन स्थगित करना पड़ा।