क्या आप कृपया इक्विटी और ऋण फंडों के खर्च अनुपात (एक्सपेंस रेशियो) के बारे में बतायें? क्या इसका प्रभाव योजनाओं के प्रतिफल पर भी होता है? – – विघ्नेशकुमार एस
एक्सपेंस रेशियो फंड के साल भर के खर्चे की कुल राशि होती है। इसमें प्रबंधन शुल्क और परिचालन की फीस जैसे रजिस्ट्रार और ट्रांसफर एजेंट के शुल्क, ऑडिट की फीस, कस्टोडियन शुल्क, विपणन और वितरण के फीस शामिल होते हैं।
प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति को इन खर्चों से विभाजित किया जाता है। सामान्य तौर पर देखें तो एक्सपेंस रेशियो फंड के प्रबंधन के में उठाया गया प्रति यूनिट लागत होती है। आपको दैनिक दिखने वाले शुध्द परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) की गणना इन खर्चों की कटौती करने के बाद की जाती है। हालांकि, किसी फंड द्वारा एक्सपेंस रेशियो का प्रकटीकरण प्रत्येक छह महीने में एक बार किया जाता है।
इक्विटी और ऋण फंडों के एक्सपेंस रेशियो अलग-अलग होते हैं। इसकी वजह यह है कि इक्विटी फंड के खर्चे ऋण फंडों की तुलना में अधिक होते हैं। सिक्योरिटी ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के प्रवधानों के मुताबिक कोई म्युचुअल फंड अधिकतम खर्च 2.5 प्रतिशत (इक्विटी फंड), 2.25 प्रतिशत (ऋण फंड) और 0.75 प्रतिशत (फंड ऑफ फंड) वसूल सकती है।
ये खर्चे मायने रखते हैं। इसलिए, फंडों का चयन करते समय सभी चीजों में समानता होते हुए भी वैसे फंड का चयन करें जिसका एक्सपेंस रेशियो कम हो क्योंकि इससे आपको अपेक्षाकृत अधिक प्रतिफल मिल पाएगा।
योजनाबध्द निवेश योजनाओं (सिप) में निवेश पर आयकर किस प्रकार लगाया जाता है? अगर मैंने एक जनवरी 2007 को सिप की शुरुआत की है और इसे एक साल तक जारी रखता हूं तो क्या एक साल की समाप्ति के बाद (जनवरी 2008 में) इसके यूनिटों को बेच सकता हूं? -शैलेश भगवंत शिरके
आप जब चाहें यूनिटों को बेच सकते हैं। लेकिन अगर आप एक साल से पहले यूनिटों को बेचते हैं तो आयकर लगाया जाएगा। योजनाबध्द निवेश योजनाएं और कुछ नहीं नियमित अंतराल पर किए जाने वाले निवेश होते हैं। इसलिए, सिप के अंतर्गत इक्विटी फंडों में निवेश की प्रत्येक किस्त पर अल्पावधि का पूंजीगत अभिलाभ कर लगाया जाएगा। लेकिन 12 महीनों मक निवेश पनाए रखने पर यह नहीं लगाया जाता है।
इसलिए जिन यूनिटों की खरीदारी फरवरी में की गई है उस पर आयकर तभी नहीं लगाया जाएगा जब आप फरवरी से अगले 12 महीनों तक उसमें निवेश बनाए रखते हैं। यही बातें अन्य महीनों की किस्तों पर भी लागू होती हैं। यूनिटों की खरीदारी करने के दिन से एक साल तक निवेश बनाए रखने पर आपको कर में छूट मिलती है न कि उस तारीख के आधार पर जब आपने सिप की शुरुआत की है।
सतत खुले इक्विटी फंडों को भुनाने पर मिलने वाली राशि के बारे में समझाएं। क्या यह एनएवी में से निकासी प्रभार और एक्सपेंस रेशियो काट कर दिया जाता है? प्रवेश प्रभार तो दलालों को दिए जाने वाने कमीशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन निकासी प्रभार लेने का क्या कारण है। – -अश्विन भगत
एक्सपेंस रेशियो फंड के साल भर के खर्चे की कुल राशि होती है। सतत खुले फंड के मामले में फंड के ये सभी खर्चे एनएवी से दैनिक आधार पर काटे जाते हैं। तो फिर शुध्द परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) क्या होता है? देनदारियों को घटाने के बाद यह प्रति यूनिट परिसंपत्ति का बाजार मूल्य होता है।
एनएवी म्युचुअल फंड की किसी योजना के प्रदर्शन का सबसे बड़ा मानदंड है। एनएवी की गणना में एक्सपेंस रेशियों की कटौती दैनिक आधार पर की जाती है। इसलिए यूनिटों को भुनाने के समय जो राशि आपको दी जाती है वह एनएवी में से निकासी प्रभार काट कर दी जाती है। आइए, अब हम बात करते हैं प्रभारों की।
जब आप फंड की खरीदारी करते हैं तो आपसे प्रवेश प्रभार लिया जाता है। प्राथमिक तौर पर इसका भुगतान वितरक या सलाहकारों को किया जाता है। निकासी प्रभार आपसे तभी लिया जाता है जब आप एक निर्धारित अवधि से पहले अपने यूनिटों को भुनाते हैं। निकासी प्रभार का उद्देश्य निवेशकों को अल्पावधि के निवेश से रोकना और उन्हें दीर्घावधि के निवेश के लिए प्रेरित करना होता है।
लेकिन इसका इस्तेमाल विज्ञापन पर हुए खर्च और फंड के प्रबंधन में हुए अन्य खर्चों को कवर करने में भी किया जाता है। आमतौर पर निकासी प्रभार निवेश की अनुसार बदलते हैं। निवेश की अवस्था के अनुसार लगाया जाने वाले निकासी प्रभार को कॉन्टिन्जेन्ट डेफर्ड सेल्स चार्ज या सीडीएससी के रुप में जाना जाता है और यह समय के साथ-साथ कम होता जाता है। अगर आप एक निश्चित अवधि तक अपना निवेश बनाए रखते हैं तो आपके द्वारा यूनिटों को बेचे जाने पर कोई निकासी प्रभार नहीं लगाया जाता है।
म्युचुअल फंड में कई कंपनियों के शेयर शामिल होते हैं। जब कभी कंपनियां लाभांशों की घोषणा करती है या शेयरों का विभाजन करती है तो क्या इसे फंड के एनएवी में जोड़ा जाता है? अगर ऐसा होता है तो मेरे जैसा कोई निवेशक जो फंड में निवेश करता है उसे इसकी जानकारी किस प्रकार प्राप्त होगी? – सुधाकर
कॉर्पोरट के क्रियाकलापों को दिन के शुध्द परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) में देखा जा सकता है। इसलिए पोर्टफोलियो में शामिल किसी कंपनी के लाभांश का एनएवी में जोड़ा जाता है। दैनिक मूल्यों के बदलाव, आवधिक लाभांश, बोनस, राइट्स, विभाजन और किसी कंपनी के विलय या विघटन का प्रदर्शन एनएवी में उसी दिन देखा जा सकता है जिस दिन यह प्रभावी हो जाता है।
फंड कंपनियां पोर्टफोलियो के शेयरों से संबंधित घटनाओं के बारे में निवेशकों को नहीं बताती हैं। हमारे खयाल से भी किसी म्युचुअल फंड निवेशक को इस बात की तहकीकात नहीं करनी चाहिए। म्युचुअल फंड में निवेश करने का तात्पर्य ही यही है कि आप अपने पैसे किसी पेशेवर फंड प्रबंधक को सौंपते हैं जो समय के साथ उन श्रेणियों और शेयरों पर निगाह बनाए रखता है जो आपको दीर्घावधि में बेहतर प्रतिफल दे सकते हैं।
हालांकि फंड प्रत्येक महीने आपके लिए अपने पोर्टफोलियो का प्रकटीकरण करते है। कंपनियों के घटनाक्रमों के बारे में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) या फिर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की वेबसाइट से जानकारी हासिल कर सकते हैं।