पॉलिकैब इंडिया, पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन, श्रीराम फाइनैंस और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया घरेलू म्युचुअल फंड उद्योग में मिडकैप से निकलकर लार्जकैप श्रेणी में जगह बनाने के लिए तैयार हैं। उनका बाजार पूंजीकरण (mcap) अब टॉप-100 में शामिल है, जो भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) द्वारा निर्धारित लार्जकैप श्रेणी के लिए दायरा है।
जून और दिसंबर की अवधियों के आंकड़े से पता चलता है कि कुल बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में 1-100 के बीच शामिल शेयरों को लार्जकैप, जबकि 101 से 250 के बीच के शेयरों को मिडकैप और 251 से ऊपर के शेयरों को स्मॉलकैप श्रेणी में शामिल किया गया है। यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि सूची को अंतिम रूप देना अभी भी आरंभिक चरण में है, लेकिन रैंकिंग में प्रमुख स्थान रखने वाले शेयर अक्सर मजबूत प्रदर्शन दर्ज करते हैं।
पेरिस्कोप एनालिटिक्स में न्यूजीलैंड स्थित विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास का मानना है, ‘मार्च से, जिन शेयरों के मिडकैप से लार्जकैप और स्मॉलकैप से मिडकैप में जाने की संभावना थी, उन्होंने अन्य के मुकाबले लगातार अच्छा प्रदर्शन किया।’
29 अगस्त के बंद भाव के आधार पर फ्रीटास द्वारा की गई कणना के आधार पर, आठ शेयरों के मिडकैप से लार्जकैप में, जबकि 13 शेयरों के स्मॉलकैप से मिडकैप में जाने की संभावना है। समान संख्या में शेयरों को कमजोरी का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि उन्हें लार्जकैप से मिडकैप और मिडकैप से स्मॉलकैप में स्थानांतरित किया जाएगा।
ध्यान देने की बात यह है कि मौजूदा समय में लार्जकैप में शामिल यूपीएल (यूनाइटेड फॉस्फोरस), अदाणी विल्मर, भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम और बॉश शुरुआती आंकड़े के रुझान के आधार पर मिडकैप में जा सकते हैं।