पिछले एक साल में ज्यादातर ऐक्टिव इक्विटी योजनाओं ने अपने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया है। इस कारण इक्विटी बाजार में अस्थिरता का सामना कर रहे निवेशकों को कुछ राहत मिली है। स्मॉलकैप फंडों में निवेशकों के सर्वाधिक खाते हैं और उन्होंने अपने बेंचमार्कों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया।
8 सितंबर तक ऐसी 28 में से 23 योजनाओं ने निफ्टी स्मॉलकैप 250 टीआरआई (टोटल रिटर्न इंडेक्स) की तुलना में अधिक रिटर्न दिया। निफ्टी स्मॉलकैप 250 टीआरआई का रिटर्न 7 प्रतिशत गिर गया। बीएसई 250 स्मॉलकैप टीआरआई के मुकाबले इस बढ़त का अंतर और भी अधिक है। बीएसई 250 स्मॉलकैप टीआरआई में 7.7 प्रतिशत की गिरावट आई। यह स्मॉलकैप शेयरों में मजबूती के दौरान दो साल से अधिक समय के खराब प्रदर्शन के बाद तेजी का संकेत है।
जूलियस बेयर इंडिया में वेल्थ मैनेजमेंट सॉल्युशंस के प्रमुख अश्विन पाटनी ने कहा कि प्रदर्शन का यह रुझान अनुमान के अनुरूप है। उनका कहना है, ‘2024 में स्मॉलकैप सूचकांक के कई शेयरों में अच्छी तेजी आई, भले ही तब फंडामेंटल उस तरह की तेजी को जायज नहीं ठहराते थे। एकतरफा तेजी वाले बाजारों में ऐक्टिव फंड अक्सर अपने बेंचमार्क से पीछे रह जाते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘पिछले एक साल में देखा गया है एक दायरे में घूमते बाजार में ऐक्टिव फंडों के पास अल्फा पैदा करने की बेहतर संभावना होती है क्योंकि उनके पोर्टफोलियो बुनियादी रूप से मजबूत शेयरों पर ध्यान देते हैं। पिछले एक साल में स्मॉलकैप औसत रिटर्न (डायरेक्ट स्कीम) 5 सितंबर तक लगभग 5 प्रतिशत के घाटे में था जिसने बीएसई 250 स्मॉलकैप टीआरआई की तुलना में लगभग 4 प्रतिशत अल्फा दिया है।’
विश्लेषकों का कहना है कि यह उछाल ऐक्टिव स्मॉलकैप फंडों में लार्जकैप होल्डिंग्स के मजबूत प्रदर्शन को भी दर्शाती है। बेंचमार्क तो केवल स्मॉलकैप पर ध्यान देते हैं जबकि ये फंड लार्जकैप में भी अहम निवेश रखते हैं। यह एक ऐसा कारक है जो सितंबर 2024 में बाजार में गिरावट से पहले रिटर्न को प्रभावित करता था।
फंड मैनेजरों के शेयर चयन और समय पर नकद आवंटन ने विभिन्न श्रेणियों में चुनिंदा योजनाओं के बेहतर प्रदर्शन को और मजबूत बनाया है। करीब 60 फीसदी लार्जकैप योजनाओं ने निफ्टी 100 टीआरआई से बेहतर प्रदर्शन किया, भले ही उनकी बढ़त का अंतर हाल के वर्षों में सीमित हुआ है। पिछले तीन वर्षों में प्रदर्शन अनुपात बढ़कर 79 फीसदी रहा।
मिडकैप फंडों में 29 में से 21 योजनाओं ने एक साल के दौरान अपने बेंचमार्कों से बेहतर किया जबकि 40 में से 26 फ्लेक्सीकैप योजनाएं ऐसा करने में सफल रहीं। विशेषज्ञों ने बाजार की सुधरती धारणा को भी महत्त्वपूर्ण कारक बताया।
बाजार धारणा मजबूत हुई है। पिछले 12 महीनों में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध लगभग दो-तिहाई कंपनियों ने बढ़त हासिल की है जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा केवल एक-तिहाई था। यह रुझान उन प्रबंधकों के पक्ष में है जो पैसिव सूचकांक को ट्रैक करने के बजाय शेयर के चयन पर भरोसा करते हैं। संभावित निवेश के व्यापक आधार को देखते हुए स्मॉलकैप फंडों की तुलनात्मक मजबूती आश्चर्य की बात नहीं है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में वरिष्ठ निवेश रणनीतिकार श्रीराम बी के आर का मानना है, ‘स्मॉलकैप म्युचुअल फंडों में तेजी का एक मुख्य कारक व्यापक अवसर और सक्रिय शेयर चयन है। बेंचमार्क 250 शेयरों तक सीमित है। लेकिन फंड कहीं अधिक विकल्पों पर दांव लगा सकते हैं।’
कोड एडवाइजर्स में पार्टनर और फंड प्रबंधक ऋषभ नाहर ने कहा, ‘फ्लेक्सीकैप और स्मॉलकैप फंडों में ऐक्टिव प्रबंधकों को हाई-कनविक्शन पोजीशन लेने की स्वायत्तता से लाभ होता है। बेंचमार्क से सार्थक रूप से विचलित होने और सस्ते अवसरों की पहचान करने की इस स्वतंत्रता ने इन फंडों को लगातार मजबूत प्रदर्शन में मदद की है।’