म्युचुअल फंड

SIP इनफ्लो पहली बार ₹28,000 करोड़ के पार, सेक्टोरल और फ्लेक्सी कैप स्कीम्स में जमकर लगाया पैसा

SIP के लिए 28,464 करोड़ रुपये का स्तर अब नियमित होता जा रहा है और जल्द ही यह मासिक आंकड़ा 30,000 करोड़ रुपये के मील के पत्थर तक पहुंच सकता है।

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अंशु   
Last Updated- August 11, 2025 | 6:26 PM IST

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का क्रेज निवेशकों के सिर पर चढ़कर बोल रहा है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2025 में SIP के जरिये निवेश 28,464 करोड़ रुपये के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया। यह लगातार दूसरा महीना है जब SIP में रिकॉर्ड निवेश हुआ है। जून में यह आंकड़ा 27,000 करोड़ रुपये के पार चला गया था। SIP इनफ्लो में आई तेज बढ़त म्युचुअल फंड निवेश में जारी व्यापक तेजी के साथ देखने को मिली है। जुलाई में इक्विटी-ओरिएंटेड म्युचुअल फंड्स में इनफ्लो 81% उछलकर पहली बार 42,702 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जिसमें थीमैटिक और फ्लेक्सी कैप फंड्स का योगदान अहम रहा। जून में इनफ्लो 23,568 करोड़ रुपये था।

SIP निवेश जल्द ₹30,000 करोड़ के पार निकलेगा

मिरे असेट की हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेज़ सुरंजना बोरठाकुर ने कहा, “SIP के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। 28,464 करोड़ रुपये का स्तर अब नियमित होता जा रहा है और जल्द ही यह मासिक आंकड़ा 30,000 करोड़ रुपये के मील के पत्थर तक पहुंच सकता है। यह निवेशकों की परिपक्वता, वित्तीय जागरूकता में वृद्धि, डिजिटल पहुंच में विस्तार और बाजार में लगातार बने विश्वास को दर्शाता है। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय बाजारों की मजबूती उल्लेखनीय है। बाजार में गिरावट को अवसर के रूप में लेना समझदारी है, लेकिन लंबी अवधि में व्यवस्थित निवेश ही सबसे प्रभावी तरीका है।”

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सेक्टोरल और फ्लेक्सी कैप स्कीम्स में जमकर लगाया पैसा

इक्विटी फंड कैटेगरी में जुलाई में थीमैटिक फंड्स में सबसे ज्यादा 9,426 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया। इसके बाद फ्लेक्सी कैप फंड्स में 7,654 करोड़ रुपये का निवेश आया। इसके अलावा, स्मॉल कैप फंड्स में 6,484 करोड़ रुपये, मिड कैप फंड्स में 5,182 करोड़ रुपये और लार्ज एवं मिड कैप फंड्स में 5,035 करोड़ रुपये का मजबूत इनफ्लो दर्ज किया गया। वहीं, लार्ज कैप फंड्स में 2,125 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो रहा। मल्टी कैप फंड में 3,990 करोड़ का इनफ्लो आया। ELSS फंड्स धीरे-धीरे अपनी चमक खो रहे है। ELSS से निवेशकों ने 368 करोड़ रुपये की निकासी की है।

रिटेल निवेशक अब ज्यादा समझदार

मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी कहते हैं, “इक्विटी-ओरिएंटेड स्कीम्स की नेट सेल्स में करीब 42 हजार करोड़ रुपये का उल्लेखनीय उछाल आया है। लार्ज कैप से लेकर फ्लेक्सी कैप और स्मॉल कैप तक, सभी कैटेगरी में 25% से ज्यादा की वृद्धि देखी गई है। थीमैटिक और लार्ज एवं मिड कैप जैसे अन्य सेगमेंट्स में भी बेहद मजबूत वृद्धि दर्ज हुई है।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरा मानना है कि भारतीय रिटेल निवेशक अब परिपक्व हो गए हैं और अपनी पोर्टफोलियो में इक्विटी को गंभीरता से एक अहम हिस्सेदारी के रूप में देख रहे हैं। इंडस्ट्री, सभी स्टेकहोल्डर्स की ओर से लगातार सकारात्मक संदेश और भारतीय पूंजी बाजार पर लंबी अवधि में मजबूत भरोसा, इस जबरदस्त वृद्धि के प्रमुख कारण हैं।”

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AUM रिकॉर्ड ₹75.36 लाख करोड़ पर

जुलाई में म्युचुअल फंड इंडस्ट्री में 1.8 लाख करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ, जो जून के 49,000 करोड़ रुपये और मई के 29,000 करोड़ रुपये से कहीं ज्यादा है। इस इनफ्लो से म्युचुअल फंड इंडस्ट्री का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) जुलाई के अंत में बढ़कर रिकॉर्ड 75.36 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो जून के अंत में 74.4 लाख करोड़ रुपये था।

First Published : August 11, 2025 | 5:21 PM IST