भारत के प्रमुख संपत्ति प्रबंधकों का कहना है कि भले ही स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट में बुलबुले जैसी स्थिति कुछ क्षेत्रों तक सीमित है, लेकिन नियामकीय जांच से लगातार अनिश्चितता को बढ़ावा मिल सकता है। उनका कहना है कि वे अपने ग्राहकों को फिलहाल स्मॉलकैप में कम निवेश करने को कह रहे हैं।
खासकर म्युचुअल फंडों के जरिये निवेशकों की परिसंपत्ति का प्रबंधन करने वाली आनंद राठी वेल्थ का कहना है कि एमएफ और डायरेक्ट विकल्प, दोनों के जरिये स्मॉलकैप शेयरों में उसका निवेश पिछले कुछ महीनों में करीब 7 प्रतिशत अंक तक घटकर 23 प्रतिशत रह गया।
मोतीलाल ओसवाल वेल्थ का कहना है कि उसके ज्यादातर ग्राहकों ने अपना स्मॉलकैप निवेश घटाया है। एएसके प्राइवेट वेल्थ के अनुसार, उनके ग्राहक पोर्टफोलियो लार्जकैप की ओर केंद्रित हुए हैं।
आनंद राठी वेल्थ में उप मुख्य कार्याधिकारी फिरोज अजीज ने कहा, ‘स्मॉलकैप और मिडकैप क्षेत्र में एक साल लंबी चली तेजी के कारण हमने अच्छा मुनाफा कमाया है। इन सेगमेंट में हमारा करीब 50 प्रतिशत निवेश रहा है और अब हम कुछ पैसा हाथ में रखना पसंद कर रहे हैं। हालांकि हम स्मॉलकैप और मिडकैप में बड़ा निवेश आवंटन बरकरार रखेंगे, क्योंकि मूल्यांकन सूचकांक स्तर पर अभी बहुत ज्यादा महंगे दायरे में नहीं है और कंपनियों द्वारा मजबूत आय वृद्धि दर्ज किए जाने का अनुमान है।’
एएसके प्राइवेट वेल्थ के सोमनाथ मुखर्जी का कहना है कि स्मॉलकैप सेगमेंट में जोखिम बढ़ती नियामकीय सख्ती और मुनाफा वृद्धि में नरमी की वजह से बढ़ गया। उन्होंने कहा, ‘स्मॉल और मिडकैप मूल्यांकन मौजूदा समय में लार्जकैप के करीब है। ध्यान देने लायक मुख्य कारक व्यवसायों का प्रदर्शन होगा, जिसमें राजस्व वृद्धि में सुस्ती आनी शुरू हो गई है और मुनाफा वृद्धि की रफ्तार भी धीमी बनी हुई है। लेकिन यह समस्या स्मॉलकैप और मिडकैप तक ही सीमित नहीं है। सबसे बड़ा कारक एसएमआईडी-सूचीबद्ध क्षेत्र पर बढ़ती नियामकीय जांच से जुड़ा है। इससे लंबी अवधि की अस्थिरता को बढ़ावा मिल सकता है और इसके लिए निवेशकों को तैयार रहने की जरूरत होगी।’
निफ्टी स्मॉलकैप 100 का 12 महीने का पीई अनुपात घटकर 25 गुना रह गया है। यह फरवरी में चढ़कर 28 गुना पर पहुंच गया था। सूचकांक में करीब 11 प्रतिशत की कमजोरी के बाद पीई अनुपात नीचे आया है। निफ्टी-50 सूचकांक 22.8 गुना के पीई अनुपात पर कारोबार कर रहा है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले 6 महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप में आई भारी तेजी काफी हद तक कम गुणवत्ता और खबरों से जुड़े शेयरों पर आधारित थी।
रिपोर्ट से पता चलता है कि मजबूत सूचकांक स्तर की तेजी के बावजूद, स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में स्पेशियलिटी केमिकल, मीडिया और इंटरनेट सॉफ्टवेयर एवं सेवा जैसे कई क्षेत्रों ने कमजोर प्रतिफल दिया।
नुवामा प्रोफेशनल क्लाइंट्स ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष (शोध) के संदीप रैना का कहना है कि ताजा गिरावट ने निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में अच्छी गुणवत्ता के शेयर शामिल करने का मौका दिया है।
रैना ने कहा, ‘अच्छी गुणवत्ता के शेयर खरीदने के लिए यह अच्छा समय है। ऐसी कई कंपनियां हैं जिनमें व्यावसायिक आधार और वृद्धि अनुमानों में बदलाव के बगैर 20-30 प्रतिशत गिरावट आई है।’ अन्य परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी भी इससे सहमत हैं, लेकिन उनका मानना है कि बेहतर खरीदारी के अवसर सामने आएंगे।