म्युचुअल फंड

SIP में आ रहा ताबड़तोड़ निवेश, एक्सपर्ट्स से समझें- छोटे निवेश से करोड़ों कमाने के 10 आसान टिप्स

SIP इनफ्लो की बात करें तो नवंबर में लगातार दूसरे महीने 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश बना हुआ है।

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अंशु   
Last Updated- December 23, 2024 | 1:48 PM IST

SIP Investment Tips: सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) म्युचुअल फंड में निवेश करने का एक आसान तरीका है, जिसमें आप अपनी पसंद की एक स्कीम चुनते हैं और हर महीने या तय समय पर एक तय रकम निवेश करते हैं। SIP का फायदा यह है कि आप एक साथ बड़ी रकम लगाने की बजाय धीरे-धीरे छोटी रकम लगाकर लंबे समय में अच्छा कॉर्पस बना सकते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव के बावजूद SIP ​इनफ्लो लगातार जारी है।  इससे यह साफ होता है कि खुदरा निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।

SIP Inflow: नवंबर में भी 25000 करोड़ के पार

एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़े भी इसकी बानगी देते हैं। SIP इनफ्लो की बात करें तो नवंबर में लगातार दूसरे महीने 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश बना हुआ है। यह संकेत देता हैं कि जियोपॉलिटिकल टेंशन, यूएस चुनाव के नतीजों समेत कई अन्य वजहों से भारी उतार-चढ़ाव के बीच रिटेल निवेशक म्युचुअल फंड्स पर बुलिश हैं।

AMFI के मुताबिक, नवंबर में SIP इनफ्लो 25,320 करोड़ रुपये रहा। अक्टूबर में यह आंकड़ा 25,323 करोड़ रुपये था। जबकि, सितंबर में SIP इनफ्लो 24,509 करोड़ और अगस्त में 23,547 करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। जो लोग SIP में नए हैं या अपने निवेश को बेहतर बनाना चाहते हैं, उनके लिए एक्सपर्ट्स कुछ जरूरी सुझाव और स्ट्रैटजी बता रहे हैं, जो लंबे समय में अच्छा रिटर्न दिला सकती हैं।

SIP: छोटे-छोटे निवेश से बढ़ा कॉपर्स

BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि मार्च 2024 तक SIP का मासिक योगदान 18,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि 2018 में यह केवल 8,000 करोड़ रुपये था। खास बात यह है कि 2020 में कोरोना महामारी के दौरान बाजार में गिरावट के बावजूद 70% से अधिक रिटेल SIP निवेशकों ने अपने निवेश जारी रखा। यह SIP में उनके गहरे विश्वास और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट के फायदों की समझ को दर्शाता है। इससे यह साफ होता है कि खुदरा निवेशकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। SIP को लेकर निवेशकों को कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए।

MIRA Money के को-फाउंडर आनंद के राठी के मुताबिक, निवेशकों को सबसे पहले अपने निवेश को लार्ज, मिड और स्मॉल कैप फंड्स के बीच  डायवर्सिफाई करने पर ध्यान देना चाहिए। जब उनका पोर्टफोलियो इन फंड्स में पर्याप्त रूप से डाइवर्सिफाइड हो जाए और कुल निवेश का लगभग 30% इसमें लग जाए, तो वे सेक्टोरल एंड थीमेटिक फंड्स जैसी नई कैटेगरी में निवेश करना शुरू कर सकते हैं। यह उनके मुख्य पोर्टफोलियो में एक वैल्यू एडिशन हो सकता है।

SIP: इन बातों का रखें ध्यान

1. निवेश जल्दी शुरू करें और निरंतरता बनाए रखें

एके निगम कहते हैं, आप जितनी जल्दी निवेश शुरू करते हैं, कंपाउंडिंग का असर उतना ही अधिक होता है। वे निवेशकों को SIP के माध्यम से नियमित रूप से निवेश करने की सलाह देते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आप 12% एनुअल रिटर्न पर 20 साल तक हर महीने 5,000 रुपये का निवेश करते हैं, तो यह राशि करीब 50 लाख रुपये तक बढ़ सकती है। लेकिन यदि आप निवेश 10 साल देरी से शुरू करते हैं, तो यह केवल 15 लाख रुपये तक ही सीमित रह जाएगी। यह दिखाता है कि समय पर शुरुआत और अनुशासन से निवेश पर कितना बड़ा प्रभाव पड़ता है।

2. अपने लक्ष्यों के अनुसार सही फंड चुनें

SIP करते समय अपने फाइनैंशियल टारगेट को ध्यान में रखें। अगर आपका लक्ष्य धन जुटाना, बच्चों की पढ़ाई के लिए बचत करना या रिटायरमेंट की तैयारी करना है, तो उसी के अनुसार फंड चुनें। सही फंड का चुनाव आपको बेहतर और स्थिर रिटर्न पाने में मदद करता है। लक्ष्यों के अनुसार निवेश करने से आप अपने भविष्य की योजनाओं को आसानी से पूरा कर सकते हैं। इसलिए, फंड का चयन करते समय अपने लक्ष्य और जरूरतों को जरूर समझें। यह आपके निवेश को अधिक फायदेमंद बनाएगा।

3. Step-Up SIP का विकल्प चुनें

स्टेप-अप SIP में आप हर साल अपने निवेश की राशि बढ़ा सकते हैं, जो बड़ा कॉर्पस बनाने का आसान तरीका है। उदाहरण के लिए, अगर आप 10,000 रुपये मासिक SIP करते हैं और हर साल 10% राशि बढ़ाते हैं, तो 20 साल में (12% एनुअल रिटर्न के साथ) यह 1.35 करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है। वहीं, अगर आप राशि नहीं बढ़ाते, तो यह केवल 1 करोड़ तक ही रहेगा।

4. निवेश को डायवर्सिफाई करें

शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से बेचने और जोखिम कम करने के लिए निवेशकों को विभिन्न एसेट्स जैसे शेयर, बॉन्ड, गोल्ड और रियल एस्टेट में अपने पैसे को बांटने की कोशिश करनी चाहिए।

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5. बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान निवेश को बनाए रखें

एके निगम बताते हैं कि बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान निवेश बनाए रखना लंबे समय में धन बढ़ाने का एक सफल तरीका है। एसआईपी का एक बड़ा फायदा यह है कि यह रुपये की औसत लागत (Rupee Cost Averaging) का लाभ देता है, जिससे बाजार गिरने पर कम NAV (नेट एसेट वैल्यू) पर अधिक यूनिट्स खरीदने का मौका मिलता है।

उदाहरण के लिए, 2008 की आर्थिक मंदी के दौरान, जिन निवेशकों ने अपने एसआईपी जारी रखे, उन्होंने 2014 तक बाजार के सुधार के बाद अच्छे रिटर्न कमाए। इसी तरह, मार्च 2020 में कोरोना महामारी के दौरान, जब बाजार 40% गिरा, तो जिन लोगों ने एसआईपी जारी रखी, वे बाजार के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने पर लाभ में रहे।

एकमुश्त निवेश की तुलना में, SIP बाजार के सही समय का अनुमान लगाने का जोखिम कम करता है। उदाहरण के लिए, 2008 से 2013 के बीच, निफ्टी 50 इंडेक्स में हर महीने 10,000 रुपये का एसआईपी करने पर 11% सीएजीआर रिटर्न मिला, जबकि 2008 के उच्चतम स्तर पर लंप-सम निवेश करने वालों को सालों तक लगभग शून्य रिटर्न मिला।

6. SIP बंद न करें

कई म्यूचुअल फंड कंपनियां एसआईपी को बीच में रोकने (SIP Pause) का फीचर प्रदान करती हैं, जिससे आप अस्थाई वित्तीय समस्याओं के दौरान योजना से बाहर निकले बिना ही, अपने SIP को अस्थाई रूप से रोक सकते हैं। यह आपको अपनी निवेश योजना को बीच में बंद किए बिना अनुशासन बनाए रखने में मदद करता है।

7.  SIP को नियमित रूप से जांचें

यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका निवेश आपके लक्ष्यों और बाजार की स्थिति के अनुसार है, समय-समय पर उसकी समीक्षा करें। नियमित जांच से आपको बेहतर परिणाम के लिए जरूरी बदलाव करने में मदद मिलती है।

8. SIP को अपने फाइनैंशियल टारगेट से जोड़ें

हर SIP को किसी खास लक्ष्य से जोड़कर निवेश करें, जैसे घर खरीदने के लिए बचत, बच्चों की पढ़ाई का खर्च या रिटायरमेंट की तैयारी। जब आपका निवेश किसी खास उद्देश्य से जुड़ा होता है, तो आप इसे लंबे समय तक बनाए रखने के लिए प्रेरित रहते हैं। यह आपके पैसे को सही दिशा में लगाने में मदद करता है।

9. प्लानिंग के लिए SIP कैलकुलेटर का इस्तेमाल करें

SIP कैलकुलेटर एक आसान टूल है, जिससे आप अपने निवेश की राशि, अवधि और अनुमानित रिटर्न के आधार पर कुल रकम का अंदाजा लगा सकते हैं। यह आपको बेहतर फाइनैंशियल योजना बनाने और अपने लक्ष्यों को तय करने में मदद करता है।

10. आपातकालीन फंड बनाएं

SIP शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके पास एक आपातकालीन फंड हो। यह फंड आपको अचानक आने वाले खर्चों से बचाता है और आपके निवेश में रुकावट नहीं आने देता है।

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बेहतर रिटर्न के लिए इस आसान तरीके पर ध्यान दें

आनंद के राठी के मुताबिक, अगर आप अपने मौजूदा SIP पोर्टफोलियो को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो इसका एक आसान तरीका है, अपनी मौजूदा 12 एसआईपी योजनाओं में बस एक और एसआईपी जोड़ें। यह छोटा सा बदलाव लंबे समय में बड़े फायदे दे सकता है।

हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करना एसआईपी का खास मकसद होता है। अगर आप इसमें एक और एसआईपी जोड़ते हैं, तो आपका कुल निवेश बढ़ेगा, जिससे रिटर्न में भी इजाफा होगा।

एसआईपी निवेशकों को लचीलापन और वेल्थ गेन करने का एक आसान और अनुशासित रास्ता प्रदान करता है। इन सुझावों का पालन करके और निवेश में निरंतरता बनाए रखते हुए, खुदरा निवेशक एसआईपी की पूरी क्षमता का उपयोग कर सकते हैं और आसानी से अपने फाइनैंशियल टारगेट को प्राप्त कर सकते हैं।

 

(डिस्क्लेमर: म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जो​खिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले स्वयं पड़ताल कर लें या अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published : December 23, 2024 | 1:48 PM IST