अप्रैल में डेट फंडों के लिए कर ढांचे में बदलाव से एडलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के लिए झटका लगने की आशंका बनी हुई थी, क्योंकि कंपनी की वित्त वर्ष 2023 के अंत तक डेट क्षेत्र, खासकर पैसिव सेगमेंट में मजबूत मौजूदगी थी। पैसिव डेट योजनाओं का उसकी एयूएम में 69 प्रतिशत योगदान रहा। हालांकि एडलवाइस म्युचुअल फंड की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी राधिका गुप्ता ने अभिषेक कुमार के साथ बातचीत में कहा कि कर बदलाव का फंड हाउस पर कुछ सकारात्मक असर भी पड़ा था। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
डेट कराधान में बदलाव से आपकी व्यावसायिक योजनाएं किस तरह से प्रभावित हुई हैं?
पैसिव डेट हमारी प्राथमिक पेशकश कभी नहीं थी, ऐसा सिर्फ माना गया था। हम हमेशा से संपूर्ण आकार वाला परिसंपत्ति प्रबंधक बनना चाहते हैं। यही वजह है कि हमने हाइब्रिड फंडों के लिए एक मजबूत टीम बनाई और ऐसा करने वाले हम पहले एएमसी थे। 2019 में, भारत बॉन्ड के तौर पर हमें नया अवसर मिला।
इस फंड ने हमारी इच्छाओं के मुकाबले तेजी से अपना दायरा बढ़ाया और इसकी एयूएम कुछ ही वर्षों में बढ़कर (31 जुलाई, 2023 तक) करीब 60,000 करोड़ रुपये हो गईं। फंड की शानदार लोकप्रियता की वजह से हमें पैसिव डेट एएमसी के तौर पर पहचान मिली, भले ही हमारी अन्य श्रेणियों पर प्रभाव पड़ रहा था।
कुछ मायनों में, कराधान में बदलाव हमारे लिए अच्छा साबित हुआ है। लोग अब अन्य इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं में भी हमारे प्रदर्शन पर ध्यान दे रहे हैं।
कर बदलाव से डेट योजनाओं में प्रवाह कैसे प्रभावित हुआ?
इस बारे में बताना अभी जल्दबाजी है। मार्च में, ज्यादातर पूंजी प्रवाह पैसिव डेट योजनाओं में आया। इसकी वजह से, कुछ निवेशकों ने डेट में ज्यादा पैसा लगाया होगा। कुछ महीनों के बाद ही आंकड़ा सामने आने पर ही तस्वीर स्पष्ट होगी।
ऐसा नहीं है कि इन योजनाओं का आकर्षण समाप्त हो जाएगा, लेकिन इनमें कुछ सुस्ती जरूर आ सकती है। डेट एमएफ दीर्घावधि निवेश के लिहाज से अन्य के मुकाबले फायदेमंद विकल्प बना हुआ है।
क्या आप एमएफ पोर्टफोलियो में ऊंचे ऋण जोखिम की आशंका देख रहे हैं?
हम म्युचुअल फंडों में ऋण जोखिम लेने के पक्ष में नहीं हैं। साथ ही, विनियमन का तरीका और डेट फंड ढांचा हाल के वर्षों में बदला है, जिससे अब ज्यादा बदलाव की गुंजाइश नहीं है। इन योजनाओं से कई चुनौतियां भी जुड़ी हुई हैं। डेट में ज्यादातर निवेशक बैंक सावधि जमा के साथ आते हैं।
एडलवाइस एमएफ के लिए आगामी मध्यावधि-दीर्घावधि योजनाएं क्या हैं?
हमारे पिछले 6 वर्ष आकार और पहचान बढ़ाने में समर्पित थे और हम अब वृद्धि से निवेश के अगले चरण में बढ़ रहे हैं। हम अपनी पेशकशों को मजबूत बनाने के लिए पूंजी लगाएंगे और राजस्व तथा मुनाफा बढ़ाने पर जोर देंगे। हमारा ध्यान इक्विटी और हाइब्रिड क्षेत्र पर रहेगा, जबकि डेट में भी अपनी मौजूदगी बनाए रखेंगे।