देसी म्युचुअल फंडों की तरफ से न्यू फंड ऑफर (NFO) की पेशकशों का आमतौर पर चुनाव के चलते होने वाले उतार-चढ़ाव का खास फर्क नहीं पड़ता है। हालांकि कुछ फंडों का मानना है कि 4 जून को चुनाव नतीजों के बाद खरीदारी का बेहतर मौका मिल सकता है।
अभी पांच ऐक्टिव इक्विटी व हाइब्रिड न्यू फंड ऑफर – एसबीआई ऑटोमोटिव ऑपर्च्युनिटीज फंड, सैमको स्पेशल ऑपर्च्युनिटीज फंड, व्हाइटओक कैपिटल स्पेशल ऑपर्च्युनिटीज फंड, बजाज फिनसर्व मल्टी ऐसेट एलोकेशन फंड और बड़ौदा बीएनपी पारिबा रिटायरमेंट फंड आवेदन के लिए खुले हुए हैं। एनएफओ की अवधि पूरी होने के बाद ज्यादातर फंड इस रकम का निवेश मोटे तौर पर चुनाव के बाद ही करेंगे।
इसके अलावा, चार पैसिव इक्विटी पेशकश भी आवेदन के लिए खुली हुई हैं। एसबीआई और सैमको ने कहा कि उन्होंने चुनाव नतीजों के आसपास योजनाएं उतारी है जिससे कि बेहतर प्रवेश का मौका मिले।
एसबीआई म्युचुअल फंड के डिप्टी एमडी व संयुक्त सीईओ डी पी सिंह ने कहा कि निवेशकों के दिमाग में छाई अनिश्चितता 4 जून को समाप्त हो जाएगी। नतीजों के बाद बाजार में जो कुछ भी होगा, वह अल्पावधि की चीज होगी। हालांकि निवेशकों को दोनों ही परिदृश्य में लाभ होगा। अगर तेजी आती है तो हम इसमें तत्काल भागीदारी में सक्षम होंगे। अगर गिरावट आती है तो भी हम बेहतर मूल्यांकन पर रकम निवेश करने में सक्षम होंगे।
वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में इक्विटी व हाइब्रिड योजनाएं पेश करने में तेजी आई थी क्योंकि इक्विटी बाजारों में तेजी जारी थी। इक्विटी, हाइब्रिड और पैसिव क्षेत्र में पेशकश वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में 80 पर पहुंच गई जो इससे पिछले छह महीने में 47 थी।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार नई पेशकश पैसिव में ज्यादा रही हैं क्योंकि ज्यादातर फंडों ने पहले ही ऐक्टिव इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं में पेशकश पूरी कर ली है। ज्यादातर फंडों के पास अब सिर्फ थिमेटिक स्पेस में नई एक्टिव फंड योजनाओं की पेशकश की गुंजाइश है।
पिछले चुनावों के दौरान देखे गए रुझानों की तरह ही हाल के हफ्तों में इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव रहा है जबकि भाजपा की अगुआई वाली सरकार के चुने जाने की संभावना मजबूत बनी हुई है। 1 अप्रैल से बाजार ने आठ मौकों पर 0.75 फीसदी की बढ़त या गिरावट दर्ज की है। अब तक के निचले स्तर तक टूटने के बाद इंडिया वीआईएक्स इंडेक्स पिछले पखवाड़े दोगुना से ज्यादा हो गया।