Kotak Gold Silver Passive FoF: अगर आप सोने और चांदी की बढ़ती कीमतों का फायदा उठाना चाहते हैं, और फिजिकल गोल्ड लेने की बजाय किसी गोल्ड या सिल्वर फंड में निवेश की योजना बना रहे हैं तो कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी (KMAMC) का कोटक गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF स्कीम आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यह एक ओपन-एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है, जो कोटक गोल्ड ईटीएफ (Kotak Gold ETF) और कोटक सिल्वर ईटीएफ (Kotak Silver ETF) की यूनिट्स में निवेश करेगी। इसका मकसद निवेशकों को दोनों कीमती धातुओं में एक्सपोजर देना और लंबी अवधि में पूंजी बढ़ाना है। इस स्कीम में 6 अक्टूबर 2025 से ही सब्सक्रिप्शन शुरू हो गया है। यह स्कीम 20 अक्टूबर 2025 को बंद होगी।
फंड का नाम – कोटक गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF
फंड टाइप – ओपन-एंडेड इक्विटी फंड ऑफ फंड स्कीम
NFO ओपन डेट – 6 अक्टूबर, 2025
NFO क्लोजिंग डेट – 20 अक्टूबर, 2025
मिनिमम निवेश – 100 रुपये
लॉक इन पीरियड- कुछ नहीं
एग्जिट लोड: शून्य
बेंचमार्क: सोने और चांदी की घरेलू कीमतें
रिस्क लेवल: बहुत अधिक
फंड मैनेजर: रोहित टंडन और अभिषेक बिसेन
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फंड हाउस ने एक बयान में कहा कि सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं ने हमेशा मूल्य के भंडार का काम किया है और महंगाई तथा करेंसी डेप्रिसिएशन से सुरक्षा प्रदान की है। दुनिया भर के सेंट्रल बैंक अपने गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं। वहीं, औद्योगिक और निवेश दोनों क्षेत्रों में चांदी की मांग बढ़ रही है। ऐसे में कोटक गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF इस एसेट क्लास में सही समय पर और डायवर्सिफाइड निवेश का अवसर प्रदान करता है।
कोटक गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF, कोटक गोल्ड ईटीएफ और कोटक सिल्वर ईटीएफ में निवेश करेगा, जिससे निवेशकों को दोनों कीमती धातुओं में सही लागत पर एक्सपोजर हासिल करने का अवसर मिलेगा। गोल्ड और सिल्वर के बीच निवेश का एलोकेशन उनकी कीमतों में बदलाव के आधार पर इन-हाउस क्वांटिटेटिव मॉडल द्वारा तय किया जाता है, जिससे किसी भी मानवीय पक्षपात की संभावना समाप्त हो जाती है। यह मॉडल डायनामिक रीबैलेंसिंग करता है, जिससे बाजार में बदलाव को पकड़ते हुए कीमती धातुओं में अनुशासित और डेटा-आधारित निवेश सुनिश्चित किया जा सके।
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कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने कहा, “एसेट एलोकेशन उस तरह है जैसे हर पिच के लिए सही खिलाड़ी चुनना। जब बाजार उतार-चढ़ाव वाला होता है, तो सोना और चांदी हमेशा पोर्टफोलियो में ऑल-राउंडर की भूमिका निभाते हैं। सेंट्रल बैंक गोल्ड इकट्ठा कर रहे हैं, सिल्वर की औद्योगिक महत्ता बढ़ रही है और इक्विटी मार्केट अस्थिर है। ऐसे में निवेशकों को इन धातुओं का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। कीमती धातुओं में निवेश करना जल्दी मुनाफा कमाने के लिए नहीं है। यह एक मजबूत और टिकाऊ पोर्टफोलियो बनाने के बारे में है। कोटक गोल्ड सिल्वर पैसिव FoF एक अनुशासित तरीका देता है जिससे निवेश डायवर्सिफाइड हो सके, बिना केवल एक परिणाम पर दांव लगाए। निवेश में जीत ओवर कॉन्फिडेंस से नहीं बल्कि सही मिश्रण और लगातार रणनीति से मिलती है।”
फंड हाउस के मुताबिक, यह फंड उन निवेशकों के लिए बनाया गया है जो सोना और चांदी में निवेश करके लॉन्ग टर्म में कैपिटल ग्रोथ हासिल करना चाहते हैं। यह उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकता है जो अपने पोर्टफोलियो को पारंपरिक इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट्स से परे डायवर्सिफाइड करना चाहते हैं, खासकर मैक्रोइकॉनॉमिक्स अनिश्चितताओं के समय।
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किसी एक ईटीएफ में निवेश करने के बजाय, जहां गोल्ड और सिल्वर के बीच रीबैलेंसिंग करने पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है, यह फंड खुद ही एलोकेशन संभालता है। इससे निवेशक दोनों धातुओं में टैक्स-कुशल तरीके से निवेश कर सकते हैं, बिना गोल्ड और सिल्वर के बीच स्विच करने पर कैपिटल गेन टैक्स चुकाए।
(डिस्क्लेमर: यहां NFO की जानकारी दी गई है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)