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मई में इ​क्विटी म्युचुअल फंडों में निवेश बढ़ा, खरीदे ₹49,000 करोड़ के शेयर

निवेश में यह तेजी इ​क्विटी बाजार में घटती अ​स्थिरता के बीच आई। लगातार पांच महीने की गिरावट के बाद घरेलू बाजारों ने पिछले तीन महीनों में तेजी दर्ज की है।

Last Updated- June 03, 2025 | 9:56 PM IST
Mutual Fund

अगर फंड मैनेजरों द्वारा सेकंडरी बाजार में की गई भारी खरीदारी को पैमाना माना जाए तो इक्विटी म्युचुअल फंड (एमएफ) में निवेश का प्रवाह पिछले दो महीनों में सुस्त रहने के बाद मई में फिर से बढ़ गया है। मई में, म्युचुअल फंडों की शुद्ध इक्विटी खरीदारी अप्रैल की तुलना में लगभग तिगुनी हो गई। एमएफ ने मई में संयुक्त रूप से 49,108 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जो चार महीनों में सबसे अधिक है। निवेश में यह तेजी इ​क्विटी बाजार में घटती अ​स्थिरता के बीच आई। लगातार पांच महीने की गिरावट के बाद घरेलू बाजारों ने पिछले तीन महीनों में तेजी दर्ज की है। मई में, निफ्टी-50 सूचकांक 1.7 फीसदी तक चढ़ा।

फंडों द्वारा शुद्ध इ​क्विटी खरीदारी की मात्रा इ​क्विटी योजनाओं के नकदी स्तर में संभावित बदलाव जैसे अन्य कारकों पर भी निर्भर करती है। मई के शुरू में इ​क्विटी एमएफ योजनाओं के पास बड़ी मात्रा में नकदी मौजूद थी, क्योंकि फंड प्रबंधक वैश्विक व्यापार अनि​श्चितताओं के बीच लगातार सख्त नजरिया अपना रहे थे। बीएनपी पारिबा की एक रिपोर्ट के अनुसार इ​क्विटी एमएफ योजनाओं के पास गैर निवेश वाली रकम अप्रैल में लगातार पांचवें महीने बढ़कर इन योजनाओं द्वारा कुल प्रबं​धित परिसंप​त्तियों के 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गई।

अप्रैल के अंत में, चार बड़े फंड हाउस ऐसे थे जिनके पास 10 प्रतिशत से अधिक नकदी बची हुई थी। उनमें से एक (क्वांट एमएफ) ने मई के दौरान अपनी नकदी होल्डिंग को कम किया। इसकी फ्लेक्सीकैप योजना में नकदी अप्रैल में 10 प्रतिशत से घटकर मई में 1 प्रतिशत हो गई। इसकी अधिकांश अन्य योजनाओं ने भी नई फैक्टशीट में नकदी के निचले स्तर की सूचना दी। अन्य फंड हाउसों ने अभी तक अपनी नई फैक्टशीट या पोर्टफोलियो को जारी नहीं किया है।

इक्विटी खरीदारी का आंकड़ा हाइब्रिड योजनाओं में खरीदारी और बिकवाली और इन योजनाओं में इक्विटी आवंटन में बदलावों के अधीन है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) निवेश में सुधार की वजह से यह बदलाव देखा गया है। मई में, एफपीआई ने 14,683 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जो 9 महीने में सर्वा​धिक है।

विश्लेषकों के अनुसार, जहां कॉरपोरेट आय वृद्धि से जुड़ा जो​खिम बना हुआ है, लेकिन मजबूत घरेलू वृहद-आ​र्थिक परिवेश और आकर्षक घरेलू प्रवाह की वजह से इ​क्विटी बाजार अनुकूल दिख रहे हैं। नोमूरा ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘भारतीय इ​क्विटी बाजार कॉरपोरेट आय अनुमानों में कटौती और वैश्विक अनि​श्चितताओं के बावजूद हाल के समय में मजबूत बने हुए हैं। हमारा मानना है कि सकारात्मक घरेलू वृहद ​हालात बाजार मूल्यांकन का समर्थन कर रहे हैं।’

बोफा सिक्योरिटीज ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा कि भारत मजबूत कारकों की वजह से लगातार वृद्धि दर्ज कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हम कई ढांचागत कारकों का समावेश देख रहे हैं जो भारत को लगातार मजबूत आ​र्थिक और कॉरपोरेट आय वृद्धि की राह पर आगे बढ़ाने की क्षमता रखते हैं।’

First Published - June 3, 2025 | 9:49 PM IST

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