Hybrid Funds: शेयर बाजार में जबरदस्त उतार-चढ़ाव के इस दौर में हाइब्रिड म्युचुअल फंड्स को आमतौर पर एक सुरक्षित और संतुलित निवेश विकल्प माना जाता है। ऐसे समय में जब यह कैटेगरी निवेशकों को जोखिम और रिटर्न के बीच संतुलन देने में मदद करती है, उसमें से निवेशकों का तेजी से निकलना एक चौंकाने वाला रुझान है। मार्च 2024 की म्युचुअल फंड रिपोर्ट में यही तस्वीर उभर कर सामने आई है। AMFI के आंकड़ों के अनुसार, मार्च में हाइब्रिड फंड्स से ₹947 करोड़ का नेट आउटफ्लो दर्ज किया गया, जबकि फरवरी में इस कैटेगरी में ₹6,803 करोड़ का मजबूत निवेश आया था। यानी सिर्फ एक महीने में निवेश में 86% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह साफ है कि निवेशकों की धारणा में बड़ा बदलाव आया है।
मार्च में सबसे ज्यादा निकासी आर्बिट्राज फंड्स, इक्विटी सेविंग्स फंड्स और कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड्स से हुई, जहां क्रमशः ₹2,855 करोड़, ₹561 करोड़ और ₹271 करोड़ की निकासी दर्ज की गई। वहीं, मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स को मार्च में सबसे ज्यादा ₹1,670 करोड़ का निवेश मिला। डायनेमिक एसेट एलोकेशन/बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स और एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स में मार्च में क्रमशः ₹776 करोड़ और ₹293 करोड़ का निवेश आया।
केनरा रोबेको एएमसी में सेल्स और मार्केटिंग के नेशनल हेड गौरव गोयल के मुताबिक, अधिकतर हाइब्रिड फंड्स से मार्च में पैसे निकाले गए, लेकिन सबसे ज्यादा आउटफ्लो आर्बिट्राज फंड्स से हुई। वहीं दूसरी ओर, एग्रेसिव हाइब्रिड, बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (BAF) और मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (MAAF) में अच्छा निवेश आता रहा। इन फंड्स को निवेशकों से लगातार अच्छा समर्थन मिल रहा है।
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मिरे असेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) की हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक अलायंसेस सुरंजना बोर्थाकुर के मुताबिक, “हाइब्रिड फंड्स में निवेश में तेज गिरावट चिंता का विषय है—खासकर तब, जब ये प्रोडक्ट बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए संतुलित जोखिम वाले सॉल्यूशन के रूप में बहुत उपयोगी हैं। ऐसे समय में, अनुशासन बनाए रखना, निवेश से जुड़े रहना और हाइब्रिड जैसे डायवर्सिफाइड सॉल्यूशन अपनाना ही निवेशकों को बाजार की अस्थिरता से निपटने में मदद कर सकता है। साथ ही उन्हें अपने वित्तीय लक्ष्यों के साथ जुड़े रहने में भी सहायक होगा।”
BPN FINCAP के डायरेक्टर एके निगम के मुताबिक, मार्च में हाइब्रिड फंड्स से निकासी के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। इनमें निवेशकों की प्राथमिकताओं में बदलाव, ब्याज दरों का बदलता माहौल और अन्य निवेश विकल्पों से प्रतिस्पर्धा शामिल हैं।
निवेशकों की प्राथमिकताएं: निवेशकों की पसंद में बदलाव देखने को मिल रहा है, जहां वे हाइब्रिड फंड्स की बजाय अब प्योर इक्विटी या प्योर डेट फंड्स जैसे अन्य एसेट क्लास की ओर रुख कर रहे हैं।
ब्याज दरों में बदलाव का माहौल: ब्याज दरों में बदलाव खासतौर पर उन हाइब्रिड फंड्स की आकर्षण क्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिनमें डेट कंपोनेंट शामिल होता है।
अन्य निवेश विकल्पों से प्रतिस्पर्धा: ETFs या डायरेक्ट इक्विटी निवेश जैसे अन्य निवेश विकल्पों की बढ़ती लोकप्रियता के कारण भी हाइब्रिड फंड्स को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
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मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा, “बाजार में अस्थिरता के बावजूद बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स (BAF) को भी राहत नहीं मिली। इनमें भी पिछले महीने की तुलना में रिडेम्पशन 30% बढ़ा, जबकि इन्हें अस्थिर माहौल में सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। फिर भी, ये रिडेम्पशन अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 के बीच के सात महीनों की तुलना में कम रहे।”
हम मानते हैं कि इस बढ़े हुए रिडेम्पशन का एक बड़ा कारण मुनाफावसूली (profit booking) है। अप्रैल में होने वाले आउटफ्लो निवेशकों की धारणा को समझने के लिए बेहतर संकेतक साबित हो सकते हैं। हमारा मानना है कि अप्रैल निवेशकों के लिए इक्विटी में एलोकेशन बढ़ाने का अच्छा अवसर हो सकता है और इस दौरान रिडेम्पशन में भी गिरावट आने की संभावना है।