गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) से लगभग एक साल बाद पहली बार आउटफ्लो (निवेश की निकासी) देखा गया, क्योंकि निवेशकों ने सोने की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के बाद मुनाफावसूली की। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अनुसार, मार्च महीने में गोल्ड ETFs से नेट ₹77 करोड़ की निकासी हुई, जबकि फरवरी में इसमें ₹1,980 करोड़ का मजबूत नेट इनफ्लो दर्ज किया गया था। विश्लेषकों का मानना है कि इक्विटी मार्केट में करेक्शन के बीच मुनाफावसूली और पोर्टफोलियो रीबैलेंसिंग इसके प्रमुख कारण रहे।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में सीनियर एनालिस्ट–मैनेजर रिसर्च, नेहल मेश्राम ने कहा, “यह गिरावट सोने की कीमतों में लगातार तेजी के बाद निवेशकों की मुनाफावसूली का नतीजा है। कुछ निवेशकों ने अपने पोर्टफोलियो को रीबैलेंस करते हुए गोल्ड में निवेश घटाया, जिससे इस कैटेगरी से अस्थायी निकासी देखने को मिली।”
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वित्त वर्ष 2024-25 में गोल्ड ईटीएफ (GOld ETFs) में रिकॉर्ड ₹14,851 करोड़ का शुद्ध निवेश हुआ, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले लगभग तीन गुना रहा। तेजी से बढ़ती कीमतों के चलते गोल्ड पिछले वित्त वर्ष में भारत की टॉप परफॉर्मिंग एसेट क्लास बनकर उभरा, जिसमें ETFs ने करीब 30% का रिटर्न दिया।
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई, भू-राजनीतिक तनाव और रुपये की कमजोरी जैसे कारकों के चलते सोने की कीमतों में तेजी आई, जिससे इस सुरक्षित निवेश विकल्प की मांग और बढ़ गई। इस तेजी और मजबूत इनफ्लो के चलते मार्च के अंत तक गोल्ड ETF का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 53 प्रतिशत उछलकर ₹58,888 करोड़ पर पहुंच गया।