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फंड ऑफ फंड्स पर टिकी फंडों की नजर

कराधान में बदलाव के बाद म्युचुअल फंड उद्योग डेट फंडों की जगह कम जोखिम वाली कर अनुकूल पेशकशों के लिए संभावनाएं तलाश रहा है।

Last Updated- February 05, 2025 | 10:45 PM IST
Mutual Fund

कर किफायती डेट विकल्प के लिए म्युचुअल फंड (एमएफ) उद्योग की तलाश फंड ऑफ फंड्स (एफओएफ) सेगमेंट तक पहुंच गई है। इस समय दो डेट-केंद्रित एफओएफ हैं जो बेहतर कर दक्षता प्रदान करने के लिए आर्बिट्राज फंड में कुछ हिस्सा निवेश करते हैं। ऐसी ही दो अन्य योजनाएं 3 मार्च तक पेश की जानी है।
सबसे पहले कोटक फंड ने अक्टूबर 2024 में अपने कोटक ऑल वेदर डेट एफओएफ के परिसंपत्ति आवंटन ढांचे में बदलाव लाकर नई पेशकश की थी। इस फंड का नाम बदलकर कोटक इनकम प्लस आर्बिट्राज फंड कर दिया गया है। हाल में, बंधन, ऐक्सिस और आदित्य बिड़ला सनलाइफ (एबीएसएल) फंड ने भी इस तरह की पेशकश की घोषणा की है।

कराधान में बदलाव के बाद म्युचुअल फंड उद्योग डेट फंडों की जगह कम जोखिम वाली कर अनुकूल पेशकशों के लिए संभावनाएं तलाश रहा है। डेट फंड कम जोखिम और रिटर्न के अनुमान की वजह से अल्पावधि के लिए निवेशों के पसंदीदा रहे हैं। लेकिन 2023 में उनका इंडेक्सेशन का लाभ छिन गया।

डेट फंड से प्राप्त लाभ पर अब निवेशक की आयकर स्लैब दर के अनुसार कर लगता है, चाहे उसकी होल्डिंग अवधि कुछ भी हो। हालांकि 2024 में फंड ऑफ फंड (एफओएफ) के कर ढांचे में बदलाव ने कर-अनुकूल डेट-केंद्रित एफओएफ के लिए अवसर पैदा किए हैं।

कोई भी एफओएफ (जो कम से कम 35 प्रतिशत इक्विटी में (इसमें इक्विटी आर्बिट्राज भी शामिल) निवेश करता है) वह दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लाभ के लिए पात्र होगा यानी अगर निवेशक दो वर्ष से अधिक समय तक निवेशित रहता है तो लाभ पर 12.5 प्रतिशत कर लगेगा। सभी चार एफओएफ (जिन्होंने इक्विटी आर्बिट्राज को मिश्रण में शामिल किया है) लगभग 35-40 प्रतिशत आर्बिट्राज फंडों में और शेष डेट फंडों में आवंटन की योजना बना रहे हैं।

कोटक महिंद्रा एएमसी के सीआईओ (डेट) दीपक अग्रवाल ने कहा, ‘कोटक इनकम प्लस आर्बिट्राज एफओएफ यह सुनिश्चित करता है कि डेट केंद्रित म्युचुअल फंड यूनिट, मनी मार्केट की योजनाएं, सरकारी प्रतिभूतियों या ट्रेजरी बिलों पर त्रिपक्षीय रीपो, नकदी और नकदी समतुल्य में निवेश हर समय 65 प्रतिशत से नीचे रहे। 24 महीने से अधिक की अवधि वाले निवेश पर लाभ अब एलटीसीजी के तौर पर माना जाएगा और इस पर 12.5 फीसदी की सपाट दर से कर लगेगा। यह बदलाव दीर्घावधि निवेशकों की कर दक्षता काफी हद तक बढ़ाता है, क्योंकि इससे उनकी कर देयता कम हो जाती है और फंड को पारंपरिक डेट-केंद्रित फंडों के लिए एक अलग और अधिक अनुकूल विकल्प के रूप में पहचान मिलती है।’

बंधन, ऐक्सिस और एबीएसएल म्युचुअल फंड ने अपने मौजूदा डेट एफओएफ की मुख्य विशेषताओं में बदलाव करते हुए इसी तरह की योजनाएं पेश की हैं। बंधन का ऑल सीजंस बॉन्ड फंड 28 जनवरी को बंधन इनकम प्लस आर्बिट्राज एफओएफ में तब्दील हो गया। ऐक्सिस ऑल सीजंस डेट एफओएफ 14 फरवरी को ऐक्सिस इनकम एडवांटेज बनने के लिए तैयार है। एबीएसएल ऐक्टिव डेट मल्टी मैनेजर एफओएफ 3 मार्च 2025 से एबीएसएल डेट प्लस आर्बिट्राज एफओएफ के नाम से जाना जाएगा।

एचडीएफसी म्युचुअल फंड ने सितंबर 2024 में इसी तरह के फंड ‘एचडीएफसी डेट एडवांटेज एफओएफ’ के लिए बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मांगी थी। हालांकि इसे अभी शुरू किया जाना बाकी है।

विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की पेशकश डेट पर सकारात्मक नजरिया रखने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त है। हालांकि, उन्हें उन डेट फंडों की अंतर्निहित परिसंपत्तियों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है जिनमें एफओएफ निवेश करते हैं। साथ ही, उनके एक्सपेंस रेशियो पर भी ध्यान देना जरूरी है क्योंकि यह काफी ज्यादा हो सकते हैं।

रुपी विद ऋषभ के संस्थापक ऋषभ देसाई ने कहा, ‘कर लाभ के कारण ऐसी पेशकश को निवेशकों के पोर्टफोलियो में जगह मिल सकती है। हालांकि, बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि वे किस डेट फंड में निवेश करते हैं और उनका प्रबंधन कितना अच्छा है। इसके अलावा फंड का एक्सपेंस रेशियो भी जायज होना चाहिए ताकि वह कम जोखिम वाले अन्य निवेश विकल्पों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके।’ डेट फंड कराधान में बदलाव के बाद कम जोखिम वाले निवेश के लिए आर्बिट्राज फंड पसंदीदा विकल्प बन गए हैं।

 

First Published - February 5, 2025 | 10:45 PM IST

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