प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
इक्विटी म्युचुअल फंडों (एमएफ) के समग्र निवेश में कमी के बावजूद फ्लेक्सीकैप फंड रिकॉर्ड निवेश आकर्षित कर रहे हैं। इनकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है जो ऐसा मुकाम हासिल करने वाली पहली विविध इक्विटी श्रेणी है। इस श्रेणी ने 2025 के पहले नौ महीनों में करीब 54,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल किया है जो कुल शुद्ध इक्विटी फंड निवेश का 20 फीसदी है।
2024 में कुल निवेश में इसकी हिस्सेदारी सिर्फ 10 फीसदी थी। पिछले तीन महीनों में शुद्ध निवेश औसतन 7,000 करोड़ रुपये प्रतिमाह से अधिक रहा है, जिसमें अगस्त का 7,679 करोड़ रुपये का आंकड़ा अब तक का सर्वोच्च आंकड़ा है। विशेषज्ञों के अनुसार फ्लेक्सीकैप फंडों में निवेश में वृद्धि उतारचढ़ाव वाले वर्ष के बाद निवेशकों की पसंद में बदलाव का संकेत है।
लार्जकैप रुझान के कारण फ्लेक्सीकैप फंडों ने निकट अवधि में मिडकैप और स्मॉलकैप पर केंद्रित फंडों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। साथ ही इस बेहतर प्रदर्शन ने उन्हें लंबी अवधि में स्मॉलकैप और मिडकैप फंडों के साथ रिटर्न का अंतर कम करने में मदद की है।
रुपी विद ऋषभ इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक ऋषभ देसाई ने कहा, अस्थिरता को देखते हुए निवेशक नए इक्विटी आवंटन के लिए फ्लेक्सीकैप फंडों को प्राथमिकता दे रहे हैं। ये योजनाएं बेहतर हैं क्योंकि ये विभिन्न बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों में निवेश करती हैं और तुलनात्मक रूप से कम अस्थिर होती हैं।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में वरिष्ठ निवेश रणनीतिकार श्रीराम बीकेआर ने कहा कि फ्लेक्सीकैप का अल्पावधि का बेहतर रिटर्न भी इसमें सहायक हो सकता है। उन्होंने कहा, आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2025 तक एक साल के प्रदर्शन के लिहाज से मल्टीकैप और फ्लेक्सीकैप फंडों का औसत रिटर्न मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों की तुलना में बेहतर रहा है।
पिछले छह महीनों में से पांच में इस श्रेणी ने सभी इक्विटी फंड सेगमेंट में सबसे ज्यादा निवेश आकर्षित किया है और अब यह सबसे बड़ी इक्विटी फंड श्रेणी के रूप में अपनी स्थिति दोबारा हासिल करने की राह पर है। फ्लेक्सीकैप फंड 2021 की शुरुआत में शुरू होने के तुरंत बाद सबसे बड़ी इक्विटी फंड श्रेणी बन गए थे लेकिन जुलाई 2024 में उन्होंने सेक्टोरल और थीमेटिक फंडों के हाथों अपनी स्थिति गंवा दी।
सेक्टोरल और थीमेटिक योजनाओं और फ्लेक्सीकैप फंडों की प्रबंधित कुल परिसंपत्तियों के बीच का अंतर अब करीब 5,500 करोड़ रुपये है। ऐक्टिव इक्विटी स्कीमों की प्रबंधित कुल परिसंपत्तियों में फ्लेक्सीकैप स्कीमों का हिस्सा 15 फीसदी है। इस श्रेणी की दो सबसे बड़ी स्कीमें पराग पारिख फाइनैंशियल एडवाइजरी सर्विसेज और एचडीएफसी अकेले ही करीब 2 लाख करोड़ रुपये का प्रबंधन करती हैं।
फ्लेक्सीकैप फंड तीनों बाजार खंडों लार्जकैप, मिडकैप और फ्लेक्सीकैप शेयरों में निवेश करते हैं। फ्लेक्सीकैप फंड लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में किसी भी अनुपात में निवेश कर सकते हैं, लेकिन इस श्रेणी की योजनाओं का अपने बेंचमार्क (एनएसई 500 और बीएसई 500) के अनुरूप लार्जकैप (50-70 फीसदी आवंटन) की ओर झुकाव होता है।
विभिन्न मार्केट-कैप सेगमेंट के शेयरों में आनुपातिक निवेश के कारण यह म्युचुअल फंडों में सबसे ज्यादा अनुशंसित फंडों में से एक है। इक्विटी म्युचुअल फंड श्रेणी में देर से शामिल होने के बावजूद फ्लेक्सीकैप फंड वर्षों से एयूएम चार्ट में शीर्ष पर रहे हैं। इसकी घोषणा 2020 के उतरार्ध में की गई थी, लेकिन जल्द ही यह एक अग्रणी श्रेणी बन गई और अधिकांश मल्टी-कैप फंडों ने इसे फ्लेक्सीकैप फंड के रूप में वर्गीकृत करना पसंद किया।
सेक्टोरल और थीमेटिक फंड श्रेणी में विभिन्न उप-श्रेणियों में फैली 227 योजनाएं शामिल हैं जबकि अन्य खंडों में लगभग 40 योजनाएं हैं। साथ ही सभी फंड श्रेणियों में 5 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छूने वाली यह पहली श्रेणी है।