सोने और संपत्ति के बदले ऋण में हाथ आजमाने के बाद फिनटेक कंपनियां उन्नत तकनीकी ढांचों की मदद से म्युचुअल फंडों के बदले सुरक्षित ऋण के क्षेत्र में कदम रख रही हैं। फिनटेक कंपनियों की यह नवीनतम योजना म्युचुअल फंडों के बदले ऋण (एलएएमएफ) है, जो देश में प्रतिभूतियों की तरह डिजिटल हैं। कंपनियां तत्काल आधार पर ऐसे ऋण का लेनदेन सक्षम करने के लिए आंतरिक स्तर पर बनाए तकनीकी ढांचों पर भरोसा कर रही हैं। इस तरह के ढांचों में कुछ साल पहले हफ्तों का वक्त लग जाता था।
उपयोगकर्ता एसआईपी (सिस्टेमिक इन्वेस्टमेंट प्लान) निवेश जारी रखते हुए भी तत्काल ऋण हासिल करने के लिए अपने म्युचुअल फंड को गारंटी के रूप में गिरवी रख सकते हैं। डिजिटल ऋण देने वाली कंपनी फाइब के सह-संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी अक्षय मेहरोत्रा ने कहा, ‘पिछले एक साल में हुए तकनीकी नवाचार ने इन योजनाओं को तत्काल आधार उपलब्ध कराया है। शुरुआत से लेकर वितरण तक इसमें एक मिनट से ज्यादा वक्त नहीं लगता जबकि शायद पांच साल पहले इसमें कुछ हफ्ते लगा करते थे।’
उन्होंने कहा कि सुरक्षित होने से ऐसे लेनदेन की पूंजी लागत कम होती है। फिनटेक क्षेत्र की प्रमुख कंपनी फोनपे ने इस महीने की शुरुआत में डीएसपी ग्रुप के निवेश वाली एनबीएफसी डीएसपी फाइनैंस के साथ साझेदारी में यह योजना पेश की थी। पेटीएम, भारतपे, क्रेड जैसी अन्य प्रमुख फिनटेक कंपनियां पहले ही अपने ग्राहकों के लिए यह योजना पेश कर चुकी हैं।
गोल्ड और होम लोन जैसी पारंपरिक ऋण सुविधाओं के विपरीत, जिनमें परिसंपत्ति का भौतिक निरीक्षण आवश्यक हो सकता है, फंडों के बदले लोन पूरी तरह डिजिटल होता है। इसमें ऋणदाता डिजिटल रूप से अंडरराइटिंग कर सकते हैं और ग्राहक तेजी से भुगतान हासिल कर सकते हैं।
फोनपे लेंडिंग के मुख्य कार्य अधिकारी हेमंत गाला ने कहा, ‘जहां अन्य सुरक्षित विकल्पों की प्रक्रिया पूरी होने में कई दिन लग सकते हैं, वहीं फंड के बदले लोन पूरी तरह से डिजिटल और तीव्र अनुभव प्रदान करता है। यह पारंपरिक ऋण की बजाय किसी लचीली क्रेडिट लाइन की तरह काम करता है। इसमें कोई अनिवार्य मासिक मूलधन भुगतान या ईएमआई नहीं होती है, बल्कि ग्राहक केवल निकाली गई राशि पर ही ब्याज देते हैं।’