म्युचुअल फंड

REITs पर चढ़ेगा इक्विटी का भी रंग, म्युचुअल फंड्स में बढ़ेगा निवेश का रास्ता

म्युचुअल फंडों को वर्ष 2017 में रीट्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्टों (इनविट्स) में निवेश की अनुमति दी गई थी। लेकिन अब तक केवल कुछ ही फंडों ने इनमें रुचि दिखाई है।

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- September 14, 2025 | 9:14 PM IST

म्युचुअल फंडों (एमएफ) के निवेश के लिए रियल एस्टेट निवेश ट्रस्टों (रीट्स) को इक्विटी वर्गीकरण का दर्जा हासिल होने से इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं में इन्हें शामिल किया जा सकता है और आगे भी इसे बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। लेकिन भागीदारी कितनी मजबूत रहती है, यह इस बात पर निर्भर करेगी कि उन्हें इक्विटी और हाइब्रिड इंडेक्स में जोड़ा जाता है या नहीं, साथ ही ​ नए यूनिटों की आपूर्ति और बाजार की तरलता की क्या स्थिति रहती है।

आनंद राठी वेल्थ के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी फिरोज अजीज ने कहा कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने रीट्स को पुनर्वर्गीकृत करने का फैसला किया है। इससे इस परिसंपत्ति वर्ग की अधिक पहुंच बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अब चुनिंदा योजनाओं की श्रेणियों में इन्हें व्यापक स्वीकार्यता मिल सकती है। उन्होंने कहा, ‘रियल एस्टेट की ओर झुकाव रखने वाले थीमैटिक या सेक्टोरल फंड इनमें आवंटन बढ़ा सकते हैं। लेकिन फ्लेक्सीकैप या लार्जकैप योजनाओं जैसे डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड सतर्क रह सकते हैं।’

हालांकि म्युचुअल फंडों को वर्ष 2017 में रीट्स और इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्टों (इनविट्स) में निवेश की अनुमति दी गई थी। लेकिन अब तक केवल कुछ ही फंडों ने इनमें रुचि दिखाई है। मार्च 2025 तक 46 फंड हाउसों में से केवल 12 ने ही अपनी योजनाओं के माध्यम से इनमें कुछ निवेश कर रखा था।

विश्लेषकों के अनुसार रीट्स को अपनाने की धीमी गति की वजह उनका हाइब्रिड वर्गीकरण में होना था। एक वरिष्ठ फंड प्रबंधक ने कहा, ‘इससे म्युचुअल फंडों के लिए ये बेगानी ऐसेट क्लास बनकर रह गए। ज्यदातर इक्विटी और डेट मैनेजर हाइब्रिड टैग और बेंचमार्क में रीट्स और इनविट्स की मौजूदगी न होने इनसे दूर रहे।’अब उम्मीद है कि रीट्स को विभिन्न सूचकांकों में शामिल किया जाएगा। इस समय केवल एक ही सूचकांक उनके प्रदर्शन पर नजर रखता है – निफ्टी रीट्स ऐंड इनविट्स।

व्हाइटओक कैपिटल ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी में निवेश निदेशक शरीक मर्चेंट ने कहा कि रीट्स में इक्विटी की तुलना में ज्यादा जोखिम-समायोजित रिटर्न देने की क्षमता है। इसलिए वे फंड मैनेजरों के लिए उपयोगी डाइवर्सिफिकेशन साधन हैं।

उन्होंने कहा, ‘इ​क्विटी फंड प्रबंधक अब परिसंप​त्ति वर्ग पर ज्यादा गंभीरता से ध्यान देना शुरू करेंगे। इससे मध्याव​धि में बड़े पूंजी प्रवाह की संभावना बढ़ सकती है, क्योंकि मौजूदा रीट्स अपने विस्तार के लिए फंड जुटाएंगे और नई लिस्टिंग आएंगी।’
एडलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रोडक्ट, मार्केटिंग और डिजिटल प्रमुख निरंजन अवस्थी के अनुसार रीट्स हाइब्रिड फंडों का ज्यादा ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, रीट और इनविट बाजार का विस्तार जरूरी है और तरलता में सुधार की भी जरूरत है। नियामकीय बदलाव कुछ हद तक इसमें मददगार साबित होंगे क्योंकि बढ़ती मांग के साथ आपूर्ति भी बढ़ेगी।’

प्रदर्शन एक महत्त्वपूर्ण कारक बना रहेगा। अजीज ने कहा, ‘महामारी के बाद इस क्षेत्र में तेजी आई, लेकिन पिछले छह वर्षों में से दो साल कमजोर रहे। इससे पता चलता है कि रीट का रिटर्न चक्रीय है और रियल एस्टेट तथा ब्याज दरों के रुझानों से जुड़ा है। ज्यादातर निवेशकों के लिए विविधीकरण का दृष्टिकोण अभी भी ज्यादा कारगर है और इसे म्युचुअल फंड के जरिये बेहतर ढंग से हासिल किया जा सकता है।’

First Published : September 14, 2025 | 9:14 PM IST