Defence Mutual Funds: भारतीय डिफेंस सेक्टर पर फोकस्ड म्युचुअल फंड्स में बीते एक महीने में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। इन फंड्स ने 16% से लेकर 23% तक का रिटर्न दिया है जो निवेशकों के बढ़ते भरोसे और भू-राजनीतिक घटनाओं के असर को दर्शाता है। खास तौर पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई, और उसके जवाब में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) ने डिफेंस सेक्टर को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। इसके साथ ही, आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ नीतियों और घरेलू डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग (domestic defence manufacturing) को प्राथमिकता देने वाले फैसलों ने निवेशकों का रुझान इन फंड्स की ओर और बढ़ाया है।
पिछले छह महीनों में डिफेंस म्युचुअल फंड्स में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। दिसंबर 2024 में इन फंड्स ने शिखर को छुआ, लेकिन 2025 की शुरुआत में इसमें गिरावट आई। हालांकि, अप्रैल में निवेशकों के रुझान में बदलाव आया और मई में इन फंड्स में 16% से 23% की जबरदस्त तेजी दर्ज की गई।
टॉप प्रदर्शन करने वाले फंड्स में ग्रो निफ्टी इंडिया डिफेंस ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स (Groww Nifty India Defence ETF FoF) और इसका मूल फंड ग्रो निफ्टी इंडिया डिफेंस ईटीएफ (Groww Nifty India Defence ETF) शामिल हैं, जिन्होंने क्रमशः 23.20% और 22.79% का रिटर्न दिया है। वहीं, मोतीलाल ओसवाल निफ्टी इंडिया डिफेंस ईटीएफ और इससे जुड़ा फंड ऑफ फंड ने क्रमशः 22.84% और 22.75% का रिटर्न दिया। आदित्य बिड़ला सन लाइफ निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स फंड ने बीते एक महीने में 22.76% रिटर्न दिया है। एचडीएफसी डिफेंस फंड ने हालांकि 16.32% का मजबूत रिटर्न दिया है, लेकिन यह कैटेगरी के अन्य फंड्स की तुलना में थोड़ा पीछे रहा।
फंड का नाम | 1 महीने का रिटर्न (%) |
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Groww Nifty India Defence ETF FoF | 23.20 |
Motilal Oswal Nifty India Defence ETF | 22.84 |
Groww Nifty India Defence ETF | 22.79 |
Aditya Birla Sun Life Nifty India Defence Index Fund | 22.76 |
Motilal Oswal Nifty India Defence Index Fund | 22.75 |
HDFC Defence Fund | 16.32 |
स्त्रोत: वैल्यू रिसर्च (21 मई की NAV के आधार पर)
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मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में डायरेक्टर मैनेजर रिसर्च, कौस्तुभ बेलापुरकर कहते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में डिफेंस स्टॉक्स ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। हालांकि, 2024 में इस जोरदार तेजी के बाद इनमें तेज गिरावट देखने को मिली। लेकिन हाल के घटनाक्रमों को लेकर बने पॉजिटिव सेंटीमेंट के चलते इनमें एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है।
मोतीलाल ओसवाल एएमसी (MOAMC) में एसोसिएट फंड मैनेजर भालचंद्र शिंदे ने कहा, “डिफेंस म्युचुअल फंड्स किसी खास सेक्टर पर फोकस करने वाले फंड होते हैं और इनमें अन्य फंड्स की तुलना में, (जैसे कि मैन्युफैक्चरिंग फंड जिसमें डिफेंस एक सब-सेगमेंट होता है) ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। जो निवेशक लंबी अवधि यानी 5 से 10 साल में पूंजी वृद्धि (capital growth) का लक्ष्य रखते हैं और जो भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते कदमों में विश्वास रखते हैं, उन्हें इन फंड्स पर जरूर विचार करना चाहिए।”
डिफेंस म्युचुअल फंड्स चुनिंदा शेयरों में निवेश करते हैं, इसलिए इसमें जोखिम ज्यादा होता है। बेलापुरकर निवेशकों को सावधान करते हुए कहते हैं, सेक्टोरल या थीमैटिक फंड्स आमतौर पर बहुत लिमिटेड शेयरों में निवेश करते हैं। डिफेंस इंडेक्स के मामले में यह और भी ज्यादा है, जहां टॉप 3 स्टॉक्स ही इंडेक्स का 50% से ज्यादा हिस्सा बनाते हैं और टॉप 5 स्टॉक्स मिलाकर 70% से भी ज्यादा। इसका मतलब है कि इन फंड्स के रिटर्न कुछ गिने-चुने शेयरों की कीमतों पर निर्भर होते हैं। इसलिए इन फंड्स में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है, खासकर अगर समय सही नहीं चुना गया हो।
उन्होंने आगे कहा, “ऐसे फंड्स में केवल वही निवेशक निवेश करें जो इन शेयरों की बुनियादी (फंडामेंटल) समझ रखते हों। अधिकांश निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प यह होगा कि वे डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स में निवेश करें, जो ज्यादा संतुलित और कम जोखिम वाले होते हैं।
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शिंदे कहते हैं, हाल की तेजी के बाद मौजूदा स्तरों पर डिफेंस म्युचुअल फंड्स में SIP करना सबसे अच्छा तरीका हो सकता है। आने वाले 12 महीनों में अगर बाजार में कोई कंसोलिडेशन या गिरावट आती है, तो निवेशकों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
शिंदे ने कहा, “हालिया युद्ध जैसी स्थिति से बना तनाव और इमरजेंसी ऑर्डर्स के चलते डिफेंस म्युचुअल फंड्स अगले एक महीने तक चर्चा में बने रहेंगे।हालांकि इसके बाद ये फंड्स अगले 6 से 7 महीनों तक, यानी FY26 बजट तक, स्थिर रह सकते हैं। इसके बाद अगर बजट में डिफेंस सेक्टर के लिए आवंटन बढ़ता है, तो यह अगला बड़ा ट्रिगर होगा। इसके अलावा QRSAM जैसे बड़े ऑर्डर भी डिफेंस फंड्स की तेजी को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।”
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आदित्य बिड़ला सन लाइफ एएमसी लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर महेश पाटिल कहते हैं, भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सीमा तनाव के बाद, डिफेंस स्टॉक्स में तेजी देखी गई। निवेशकों को उम्मीद है कि भारत को न सिर्फ अपने पुराने सैन्य उपकरणों की भरपाई करनी होगी, बल्कि तकनीकी बढ़त बनाए रखने के लिए नए ऑर्डर भी देने होंगे। इस कारण आने वाले वर्षों में डिफेंस बजट में तेजी से बढ़ोतरी की संभावना बन सकती है। साथ ही, भारत के पास कुछ सैन्य उपकरणों के निर्यात का मौका भी बन सकता है। हालांकि फिलहाल डिफेंस स्टॉक्स के दाम ऊंचे हैं और शॉर्ट टर्म फंडामेंटल्स से मेल नहीं खाते, फिर भी इस सेक्टर की लंबी अवधि की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं। आगे भी इस सेगमेंट में निवेशकों की रुचि बनी रहने की उम्मीद है।