नुवामा वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड के अनुसार, MSCI इंक द्वारा किए गए बदलावों के बाद भारतीय इक्विटी में 1.5 बिलियन डॉलर का नेट इन्फ्लो प्राप्त होने की संभावना है, जिससे विकासशील बाजारों में देश का प्रतिनिधित्व रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ जाएगा।
इंडेक्स मैनेजर द्वारा घोषित लेटेस्ट रीबैलेंसिंग के अनुसार, 30 नवंबर को MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड गेज में नौ स्टॉक जोड़े जाएंगे। इन शेयरों में इंडसइंड बैंक लिमिटेड और सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड शामिल हैं।
विश्लेषक अभिलाष पगारिया ने एक नोट में लिखा है कि बदलाव के बाद, MSCI उभरते बाजार इंडेक्स में भारत का प्रतिनिधित्व बढ़कर 16.3% हो जाएगा, जो अब तक का सबसे ज्यादा है।
इसका कारण इंडेक्स में नौ नए स्टॉक शामिल होना है, जिनमें इंडसइंड बैंक लिमिटेड और सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड शामिल हैं। भारत के भारांक में वृद्धि देश की मजबूत आर्थिक वृद्धि और भविष्य की आय वृद्धि की क्षमता को दर्शाती है।
एल्डर कैपिटल की इन्वेस्टमेंट मैनेजर राखी प्रसाद ने कहा, “भारत का वजन बढ़ना ही था, यह बिल्कुल स्वाभाविक है।” “ऐसा इसलिए है क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था अन्य उभरते बाजारों की तुलना में तेजी से बढ़ रही है और निवेशकों की भारतीय शेयरों में निवेश में रुचि बढ़ रही है।”
ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक फंडों ने 2023 में अब तक भारतीय इक्विटी में 12 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है, जो उभरते एशियाई बाजारों में सबसे अधिक है।
आंकड़ों से पता चलता है कि MSCI के EM गेज में चीन का वजन सबसे ज्यादा 27 फीसदी है, इसके बाद भारत का 16 फीसदी और ताइवान का 15 फीसदी है।