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चीन की चिंता में पिघले धातु शेयर

Last Updated- December 12, 2022 | 12:55 AM IST

चीन के सबसे बड़े प्रॉपर्टी डेवलपर एवरग्रैंड के कर्ज में चूक करने के मामले और दुनिया भर में औद्योगिक धातुओं और अयस्कों की कीमतों में नरमी से धातु शेयरों में आज जोरदार गिरावट आई। बीएसई का धातु सूचकांक 6.8 फीसदी लुढ़क गया। सेंसेक्स पर भी इसका असर पड़ा और वह 0.9 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ।
धातु शेयरों की बिकवाली से सबसे ज्यादा 9.5 फीसदी की गिरावट टाटा स्टील में देखी गई। जिंदल स्टील ऐंड पावर 9.1 फीसदी, एनएमडीसी 7.7 फीसदी और जेएसडब्ल्यू स्टील 7 फीसदी गिरावट पर बंद हुआ।
धातु शेयरों में चौतरफा बिकवाली से धातुओं में निवेश करने वाले निवेशकों को करीब 57,000 करोड़ रुपये की चपत लगी। बीएसई धातु सूचकांक में दस शेयर शामिल हैं और इसका बाजार पूंजी शुक्रवार के 9.42 लाख करोड़ रुपये से घटकर 8.85 लाख करोड़ रुपये रह गया।
कोरोना महामारी के बाद धातु शेयरों में खासी तेजी आई थी और आज की गिरावट के बावजूद बीएसई धातु सूचकांक मार्च 2020 के निचले स्तर से अभी भी 234 फीसदी ऊपर है। मार्च 2020 के बाद से सेंसेक्स में 98.5 फीसदी की उछाल आई है। लेकिन सोमवार की गिरावट के बाद धातु सूचकांक इस साल जुलाई के स्तर से 9.2 फीसदी नीचे आ गया है। विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले हफ्ते में धातु की कीमतों और इसके शेयरों में और गिरावट आ सकती है। एवरग्रैंड की कर्ज भुगतान में चूक चीन के रियल एस्टेट और निर्माण क्षेत्र में वित्तीय संकट का कारण बन सकती  है और अन्य कंपनियां भी भुगतान में चूक कर सकती हैं तथा प्रॉपर्टी की कीमतों में भी वहां गिरावट आ सकती है। इसका असर चीन में नई निर्माण गतिविधियों पर भी पड़ेगा जिसका स्टील तथा अन्य निर्माण सामग्री की वैश्विक मांग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के अभिजित मित्रा और मोहित लोहिया ने कहा कि चीन में स्टील की मांग में आगे कमी बनी रह सकती है। चीन में रियल स्टेट के कमजोर आंकड़े और इस क्षेत्र में कर्ज भुगतान में चूक से स्टील उत्पादन में कटौती करनी पड़ सकती है।
विश्लेषकों के अनुसार चीन में कुल स्टील की खपत का करीब 40 फीसदी रियल एस्टेट में उपयोग होता है। चीन में पूरी दुनिया के कुल स्टील उत्पादन का करीब 55 से 60 फीसदी खपत होता है। चीन में धातुओं खास तौर पर स्टील और अयस्क की मांग कम होने से दुनिया भर में इसके दाम में तेज गिरावट आएगी। इससे स्टील कंपनियों की आय और मुनाफे पर असर पड़ेगा, जिससे भारतीय कंपनियां भी अछूती नहीं रहेंगी।

First Published - September 20, 2021 | 10:38 PM IST

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