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बाजार हलचल: शेयर बाजारों पर अब नकदी संकट की बाधा

स्ट्रेस टेस्ट से फंड मैनेजरों की रणनीति का हुआ खुलासा, कमजोर लिस्टिंग से निवेशकों की उम्मीद पर चोट

Published by
अभिषेक कुमार   
सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- March 17, 2024 | 10:20 PM IST

स्मॉल और मिडकैप के खिलाफ नियामकीय कार्रवाई के अलावा इस महीने शेयरों को नकदी के तंग हालात का सामना करना पड़ रहा है। बाजार पर नजर रखने वालों ने कहा कि अग्रिम कर के तौर पर नकदी की निकासी और पूंजीगत लाभ से संबंधित समायोजन अल्पावधि में बाजारों पर असर डालेंगे।

अगर किसी कारोबारी पर पूंजीगत लाभ के तौर पर 10,000 रुपये से ज्यादा की देनदारी है तो उसे इस महीने अग्रिम कर चुकाना होगा। इसके अलावा घाटे में शेयर बेचकर पूंजीगत लाभ से नुकसान की भरपाई की जा सकती है।

एक विश्लेषक ने कहा कि अगले महीने कुछ बिकवाली हो सकती है क्योंकि कुछ कारोबारी मुनाफावसूली के लिए अगले वित्त वर्ष का इंतजार कर रहे हैं ताकि वह पूंजीगत लाभ पर कर भुगतान को अभी टाल सके। एनएसई का निफ्टी-50 आखिरी बार 22,023 पर बंद हुआ था। विश्लेषकों ने कहा कि अगर इंडेक्स गिरावट में 21,800 का स्तर तोड़ता है तो इसमें तीन फीसदी की और गिरावट आ सकती है।

स्ट्रेस टेस्ट से फंड मैनेजरों की रणनीति का हुआ खुलासा

शेयरों की बिक्री पर लगने वाले दिनों के अलावा स्ट्रेस टेस्ट के आंकड़ों ने एक अन्य अहम पहलू को सुर्खियों में ला दिया है। नतीजे बताते हैं कि स्मॉल व मिडकैप फंड मैनेजरों के निवेश के स्टाइल काफी ज्यादा अलग-अलग हैं। मिडकैप फंडों के लिए पीई अनुपात 21 गुना से लेकर 62 गुना तक है।

स्मॉलकैप श्रेणी में पीई अनुपात 18.6 गुना से लेकर 48 गुना तक है। उद्योग पर नजर रखने वालों ने कहा कि नतीजे बताते हैं कि कुछ फंड मैनेजर ग्रोथ वाले शेयरों के लिए कोई भी रकम चुकाने के इच्छुक होते हैं और वे मूल्यांकन को लेकर ज्यादा परेशान नहीं होते। दूसरी ओर महंगे मूल्यांकन की चिंता के कारण कुछ उन शेयरों की शरण लेना चाहते हैं जहां मूल्यांकन अभी भी निवेश लायक है।

कमजोर लिस्टिंग से निवेशकों की उम्मीद पर चोट

पिछले हफ्ते तीन आरंभिक सार्वजनिक निर्गम अपने शुरुआती कारोबार के दौरान धराशायी हो गए। अत्यधिक बुलबुले को लेकर चिंता से स्मॉलकैप में बिकवाली के बीच गोपाल स्नैक्स, जेजी केमिकल्स और आरके स्वामी के शेयरों में पहले दिन 8.6 फीसदी से 16.5 फीसदी के बीच गिरावट आई। आईपीओ को निवेशकों से मिले अच्छे समर्थन के बावजूद सूचीबद्धता के दिन इनकी लिस्टिंग कमजोर हुई।

एक निवेश बैंकर ने कहा कि आईपीओ बाजार के लिए सेंटिमेंट में काफी तेजी से बदलाव हो सकता है। पिछले हफ्ते के कमजोर प्रदर्शन ने निवेशकों की उम्मीदें धूमिल कर दीं। अब वास्तविकता यह है कि सिर्फ अच्छी गुणवत्ता वाले इश्यू ही बाजारों में उतरेंगे। उन्होंने कहा कि आईपीओ गतिविधियां अभी से लेकर चुनाव के नतीजों तक सुस्त पड़ जाएगी लेकिन द्वितीयक बाजार में अच्छी कंपनियां अपनी रफ्तार बनाए रखेंगी।

First Published : March 17, 2024 | 10:20 PM IST