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मंदी के खटके से बाजार को झटका

Last Updated- December 11, 2022 | 6:52 PM IST

वैश्विक शेयरों की भारी बिकवाली के बीच आज अहम सूचकांक करीब 3 फीसदी लुढ़क गए क्योंकि विदेशी निवेशक वैश्विक मंदी की चिंताओं के कारण लगातार देसी शेयरों की बिकवाली कर रहे हैं।
टारगेट और वॉलमार्ट जैसी दिग्गज अमेरिकी खुदरा कंपनियों की आमदनी निराशाजनक रहने के बाद नए सिरे से बिकवाली शुरू हो गई है। इससे वॉल स्ट्रीट में करीब दो साल में सबसे बड़ी गिरावट आई है। निवेशक इस बात से चिंतित हैं कि बढ़ती महंगाई से कंपनियों का लाभ मार्जिन घटेगा और महंगाई पर अंकुश के अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के उपायों से मंदी आएगी।
सेंसेक्स आज 1,416 अंक या 2.6 फीसदी गिरकर 52,792 पर बंद हुआ, जो 30 जुलाई 2021 के बाद उसका सबसे निचला स्तर है। निफ्टी 431 अंक या 2.7 फीसदी लुढ़ककर 15,809.4 पर बंद हुआ, जो 24 फरवरी 2022 के बाद किसी एक दिन में उसकी सबसे बड़ी गिरावट है। पिछले सप्ताह निफ्टी वर्ष 2022 के सबसे निचले बंद स्तर (7 मार्च) से भी नीचे आ गया था।
विदेशी निवेेशकों ने 4,900 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की, जिससे उनकी मासिक बिकवाली 36,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। विदेशी निवेशकों द्वारा तेजी से अपनी रकम निकाले जाने से देसी बाजार में भारी गिरावट आई है। निफ्टी 8 फीसदी लुढ़क गया है और व्यापक बाजार को प्रदर्शित करने वाले मिड तथा स्मॉल कैप सूचकांकों में और भी अधिक गिरावट आई है।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज के मुख्य निवेेश अधिकारी नवीन कुलकर्णी ने कहा, ‘तरलता में कमी के केंद्रीय बैंकों के उपायों से वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि का रुझान सुस्त पड़ रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अब इस युद्ध में नई किस्म के हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे ऊर्जा और खाद्य की कीमतें ऊंची रहेंगी। ये दोनों कारक वैश्विक स्तर पर वृद्घि रुकने और महंगाई बढऩे के माहौल का संकेत दे रहे हैं, जिससे गैर-जरूरी खर्च में कमी आ सकती है। इससे भारत समेत वैश्विक शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव बना हुआ है।’

First Published - May 20, 2022 | 12:08 AM IST

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