बुधवार को LIC के शेयर में लगभग 9% की तेज़ी आई और इसका भाव ₹948 तक पहुंच गया। यह उछाल कंपनी के मार्च तिमाही के नतीजे सामने आने के अगले दिन देखने को मिला। मंगलवार को बाज़ार बंद होने के बाद LIC ने चौथी तिमाही के नतीजे घोषित किए थे, जिनमें मुनाफे में 38% की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई।
मार्च 2025 को खत्म हुई तिमाही में LIC का नेट प्रॉफिट ₹19,013 करोड़ रहा, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹13,763 करोड़ था। हालांकि, कंपनी की कुल आमदनी 3.7% गिरकर ₹2,41,625 करोड़ रही, जबकि पिछले साल यह ₹2,50,923 करोड़ थी। कंपनी ने ₹12 प्रति शेयर का डिविडेंड भी घोषित किया है।
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कुछ हफ्ते पहले ही सरकार ने जानकारी दी थी कि वो अगले 24 महीनों में अपनी 6.5% हिस्सेदारी LIC में बेचने की योजना बना रही है। यह हिस्सेदारी छोटे-छोटे हिस्सों में बेची जाएगी ताकि शेयर बाज़ार नियामक की ‘न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी’ की शर्त पूरी की जा सके। DIPAM सचिव के मुताबिक, इस बार सरकार नियमित OFS (ऑफर फॉर सेल) के ज़रिए हिस्सेदारी बेचेगी और छोटे निवेशकों को पहले से चेतावनी दी जा रही है कि वो इसके लिए तैयार रहें।
बुधवार को LIC का शेयर करीब 8 महीने बाद अपने 200-डे मूविंग एवरेज (₹893) के ऊपर बंद हुआ। पिछली बार यह स्तर 1 अक्टूबर 2024 को छुआ गया था। यह तकनीकी रूप से लंबी अवधि का अहम संकेतक माना जाता है, जिससे शेयर का ट्रेंड समझने में मदद मिलती है।
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करंट प्राइस: ₹930
अपसाइड पोटेंशियल: 16.1%
सपोर्ट: ₹908; ₹893; ₹864
रेजिस्टेंस: ₹1,000; ₹1,037
तकनीकी विश्लेषण के मुताबिक अगर LIC का शेयर ₹893 के ऊपर बना रहता है, तो इसमें और तेज़ी देखने को मिल सकती है। शेयर का अगला बड़ा सपोर्ट ₹893 और ₹864 पर है, जबकि रेजिस्टेंस ₹1,000 और ₹1,037 पर हैं। अगर यह ₹908 के ऊपर वीकली क्लोजिंग देता है, तो बड़ा ब्रेकआउट माना जाएगा।
मजबूत नतीजे और तकनीकी ब्रेकआउट की संभावना को देखते हुए LIC का शेयर ₹1,080 तक जा सकता है। फिलहाल इसका मौजूदा भाव ₹930 है और इसमें लगभग 16% का और उछाल आ सकता है।