टाटा कैपिटल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी राजीव सभरवाल
टाटा कैपिटल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी राजीव सभरवाल ने सुब्रत पांडा के साथ बातचीत में कंपनी के आगामी आईपीओ के बारे में जानकारी दी। यह चौथा सबसे बड़ा आईपीओ होगा। हालांकि आईपीओ में आरबीआई द्वारा निर्धारित सितंबर की समय-सीमा के बाद थोड़ा विलंब हुआ है। लेकिन सभरवाल का कहना है कि वे नियामकों के साथ लगातार संपर्क में थे और आरबीआई ने अपनी सहमति दे दी है। बातचीत के मुख्य अंश:
लिस्टिंग के लिए सितंबर की समय-सीमा पूरी नहीं होने का क्या कारण है?
टाटा मोटर्स फाइनैंस और टाटा कैपिटल के विलय के लिए हमें मई 2025 में सभी मंजूरी मिल गई थीं। तब से हम इस पर काम कर रहे थे ताकि स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्धता के लिए नियामक की ओर से तय समय-सीमा के करीब रह सकें और हम काफी करीब हैं। 10 से 13 दिनों का अंतर ज्यादा मायने नहीं रखता और हम नियामक से बातचीत कर रहे हैं। इस मामले में अब कोई समस्या नहीं रह गई है।
कीमत दायरा अनलिस्टेड बाजार भाव से बहुत कम है और उस कीमत से भी कम है जिस पर आखिरी राइट्स इश्यू पेश किया गया था। इस बारे में क्या कहेंगे?
मैं अनलिस्टेड बाजार ट्रैक नहीं करता। इसलिए, मुझे इसका नहीं पता। जहां तक राइट्स इश्यू की बात है, मुझे लगता है कि बोर्ड ने इस पर विचार किया और यह सोचा कि आईपीओ के समय हमें ज्यादा रिटेल निवेशकों को शामिल करना चाहिए क्योंकि बाद में लोग आमतौर पर पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के जरिये पैसे जुटाते हैं। इसलिए, यह ज्यादा रिटेल निवेशकों को शामिल करने का सबसे अच्छा समय था और निवेशकों के प्रति हमारे सोच को ध्यान में रखते हुए, बोर्ड को लगा कि हमें वह कीमत तय करनी चाहिए जो सही कीमत से 5 प्रतिशत कम हो। ऊपरी सीमा सही कीमत से 5 प्रतिशत कम है। इसलिए हमने 310 रुपये से 326 रुपये का दायरा रखा है।
क्या आईपीओ का आकार घटा दिया गया है?
अगर आप हमारी पहली फाइलिंग देखें तो उसमें शेयरों की संख्या बताई गई थी। उसमें कीमत या कोई और जानकारी नहीं थी। हमने कहा था कि ऑफर में 21 करोड़ नए शेयर और टाटा संस से 23 करोड़ शेयर (ओएफएस) और इंटरनैशनल फाइनैंस सेंटर (आईएफसी) से 3.6 करोड़ शेयर शामिल होंगे। तो, यह सब वैसा ही है। कुछ नहीं बदला है और आईपीओ की कीमत के बारे में बोर्ड का फैसला कल ही हुआ है। इसलिए उससे पहले बताई गई कोई भी कीमत बोर्ड की तरफ से नहीं थी। पहली बार बोर्ड ने कीमत बताई है।
एफआईआई और डीआईआई की कैसी प्रतिक्रिया रही है?
एफआईआई और घरेलू निवेशकों दोनों का रिस्पॉन्स बहुत अच्छा रहा है। 3 अक्टूबर को ऐंकर एलोकेशन होगा और तब तक यह साफ हो जाएगा कि हमें कितना अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।
आईपीओ के बाद टाटा ग्रुप के पास टाटा कैपिटल में कितनी हिस्सेदारी रह जाएगी?
आईपीओ के बाद टाटा ग्रुप की हिस्सेदारी लगभग 85.4 प्रतिशत होगी।
क्या 25 प्रतिशत न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता मानकों को पूरा करने के लिए कोई रूपरेखा है?
मुझे लगता है कि नियमों के अनुसार 5 साल का समय दिया गया है और यह भी चर्चा है कि अधिक समय देने के लिए नियमों में बदलाव किया जा सकता है। इसलिए हम नियमों का पालन करेंगे। यह हमारे समूह की सोच है, लेकिन फिलहाल कोई समय-सीमा बताना बहुत मुश्किल है।
आईपीओ से मिली पूंजी कितने समय तक के लिए पर्याप्त रहेगी?
स्थिर आधार पर हमारा लेवरेज 5.5 से 6.5 गुना के बीच रहेगा। इसलिए, अगर हम औसतन छह गुना लेवरेज का इस्तेमाल करते हैं, तो हमें इस पूंजी के साथ-साथ अगले कुछ वर्षों में कंपनी को होने वाले मुनाफे को भी जोड़ना होगा और उस पर हम 5.5 से 6.5 गुना के बीच लेवरेज का इस्तेमाल करेंगे। इसलिए, हमारा मानना है कि यह पूंजी अगले ढाई से तीन साल के लिए हमारे लिए पर्याप्त होगी। इसके बाद हमें वृद्धि के लिए और पूंजी की जरूरत पड़ सकती है।