आईपीओ

Swiggy IPO: स्विगी लाएगी 120 करोड़ डॉलर का आईपीओ, नए शेयरों से 3,750 करोड़ रुपये जुटाने की योजना

आईपीओ को शेयरधारकों की मंजूरी का खुलासा 23 अप्रैल को स्विगी की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) के एक दिन बाद हुआ है।

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आर्यमन गुप्ता   
Last Updated- April 26, 2024 | 8:31 AM IST

ऑनलाइन ऑर्डर पर खाना पहुंचाने वाली कंपनी स्विगी 1.2 अरब डॉलर का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) ला सकती है। कंपनी पंजीयक को दी गई जानकारी से पता चला है कि स्विगी के इस प्रस्ताव को उसके शेयरधारकों ने मंजूरी दे दी है।

बेंगलूरु की यह कंपनी नए शेयर जारी कर करीब 3,750 करोड़ रुपये (लगभग 45 करोड़ डॉलर) जुटाने की योजना बना रही है। वह ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिये 6,664 करोड़ रुपये और आईपीओ से पहले एंकर निवेशकों से करीब 750 करोड़ रुपये जुटाने के बारे में भी सोच रही है। स्विगी का आईपीओ इसी साल आ सकता है। मगर अभी तक उसने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास निर्गम के दस्तावेज जमा नहीं कराए हैं।

मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के अनुसार स्विगी में सबसे अधिक करीब 32 फीसदी हिस्सेदारी प्रोसस की है। उसमें सॉफ्टबैंक की 8 फीसदी, एस्सेल की 6.2 फीसदी, संस्थापक समूह की 6.7 फीसदी और एलिवेशन कैपिटल की 4.4 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा नॉर्वेस्ट, टेनसेंट, डीएसटी ग्लोबल और अल्फा वेव ने भी स्विगी में निवेश
किया है।

आईपीओ को शेयरधारकों की मंजूरी का खुलासा 23 अप्रैल को स्विगी की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) के एक दिन बाद हुआ है। ईजीएम में कंपनी के सह-संस्थापकों श्रीहर्ष मजेटी और नंदन रेड्डी को कंपनी का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है।

मजेटी को 1 अप्रैल, 2024 से तीन साल के लिए कार्यकारी निदेशक बनाया गया है। उन्हें वित्त वर्ष 2025 में 2.5 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2026 में 3 करोड़ रुपये का पारिश्रमिक मिलेगा।

बोर्ड ने राहुल बोथरा को मुख्य वित्तीय अधिकारी और एम श्रीधर को कंपनी का सचिव तथा अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया गया है। स्विगी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।

वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण स्टार्टअप कंपनियों के लिए निवेश जुटाना काफी कठिन हो गया था। इसलिए पिछले साल कई देसी स्टार्टअप ने आईपीओ ठंडे बस्ते में डाल दिए थे। मगर इस साल करीब 14 कंपनियां बाजार में सूचीबद्ध होने की तैयारी कर रही हैं। इनमें फर्स्टक्राई, ओला इलेक्ट्रिक, पेयू, मोबिक्विक और ऑफिस के नाम शामिल हैं।

स्विगी ने आईपीओ लाने से पहले अपनी माली हालत मजबूत करने के लिए कई उपाय किए हैं। 2023 में कंपनी ने कई कर्मचारियों को निकाला और लचर चल रहे अपने कुछ कारोबार भी बंद कर दिए। स्विगी ने अपने सभी यूजर्स से 2 रुपये प्लेटफॉर्म शुल्क लेना शुरू किया और कुछ के लिए इसे बढ़ाकर 10 रुपये भी किया।

इन उपायों से 2022-23 की चौथी तिमाही में स्विगी का फूड डिलिवरी कारोबार मुनाफे में आ गया। स्विगी के सबसे बड़े निवेशक प्रोसस ने बताया था कि स्विगी का फूड डिलिवरी कारोबार वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में 17 फीसदी की दर से बढ़ा है और उसका सकल मर्चेंडाइज मूल्य (जीएमवी) 1.43 अरब डॉलर रहा।

मगर यह जोमैटे के 1.84 अरब डॉलर जीएमवी से कम था। इस बीच स्विगी के फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म कारोबार का नुकसान वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में घटकर 20.8 करोड़ डॉलर रह गया जो वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 32.1 करोड़ डॉलर था।

स्विगी की वित्तीय सेहत सुधरने के साथ ही निवेशकों ने कंपनी का मूल्यांकन भी बढ़ा दिया। मूल्यांकन कई दफा घटाने के बाद अमेरिकी फंड मैनेजर इन्वेस्को ने इस महीने की शुरुआत में स्विगी का मूल्यांकन लगातार तीसरी बार बढ़ाकर 12.7 अरब डॉलर कर दिया।

जनवरी 2022 में स्विगी ने इन्वेस्को और दूसरे निवेशकों से 70 करोड़ डॉलर जुटाए थे। इसके बाद कंपनी डेकाकॉर्न बन गई और उसका मूल्यांकन 10.7 अरब डॉलर हो गया।

अमेरिका की परिसंपत्ति प्रबंधन फर्म बैरन कैपिटल ने भी पिछले साल अगस्त में स्विगी का मूल्यांकन बढ़ाकर 8.54 अरब डॉलर कर दिया था। पिछले महीने उसने इसका मूल्यांकन फिर बढ़ा दिया और 12.1 अरब डॉलर तक पहुंचा दिया।

First Published : April 25, 2024 | 10:47 PM IST