प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारतीय शेयर बाजार में इन दिनों हलचल मची हुई है। प्राइमरी मार्केट में नई-नई कंपनियां अपने IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) लाने के लिए उत्साहित हैं। हाल ही में SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने छह कंपनियों को अपने IPO लाने की मंजूरी दी है। इनमें चश्मों की दिग्गज कंपनी लेंसकार्ट सॉल्यूशंस, फर्नीचर और होम डेकोर कंपनी वेकफिट इनोवेशंस और चार अन्य कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां मिलकर बाजार से 6,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जुटाने की तैयारी में हैं। SEBI ने इन कंपनियों को 26 सितंबर से 3 अक्टूबर के बीच मंजूरी दी। आइए, इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
लेंसकार्ट का ₹2,150 करोड़ का दांव
लेंसकार्ट सॉल्यूशंस, जो चश्मों और आईवियर के लिए जानी जाती है, 2,150 करोड़ रुपये की नई इक्विटी शेयर जारी करके फंड जुटाएगी। इसके अलावा, कंपनी के प्रमोटर और निवेशक 13.22 करोड़ इक्विटी शेयर बेचेंगे। कंपनी इस पैसे का इस्तेमाल अपनी ग्रोथ को तेज करने के लिए करेगी। नए कंपनी-स्वामित्व वाले स्टोर (COCO) खोलने, टेक्नोलॉजी और क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश, ब्रांड मार्केटिंग और कुछ संभावित अधिग्रहण के लिए फंड का उपयोग होगा। लेंसकार्ट का लक्ष्य है कि वह भारत में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करे। इसके लिए नए स्टोर खोलने और किराए से जुड़े खर्चों पर भी पैसा खर्च किया जाएगा। कंपनी का यह कदम भारतीय रिटेल मार्केट में उसकी स्थिति को और बेहतर करने की दिशा में है।
वेकफिट का फर्नीचर और ब्रांडिंग पर जोर
बेंगलुरु की कंपनी वेकफिट इनोवेशंस, जो होम फर्निशिंग और फर्नीचर के लिए मशहूर है, भी IPO के जरिए बाजार में उतर रही है। कंपनी 468.2 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी और 5.84 करोड़ शेयर प्रमोटर और निवेशक बेचेंगे। इस पैसे से वेकफिट 117 नए रेगुलर COCO स्टोर और एक जंबो स्टोर खोलेगी। इसके अलावा, 15.4 करोड़ रुपये नए उपकरण और मशीनरी खरीदने में लगाए जाएंगे। कंपनी मौजूदा स्टोर्स के किराए और लाइसेंस फीस के लिए 145 करोड़ रुपये खर्च करेगी। ब्रांड की पहचान को और मजबूत करने के लिए 108.4 करोड़ रुपये मार्केटिंग और विज्ञापन पर खर्च किए जाएंगे। बाकी रकम का इस्तेमाल सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए होगा। वेकफिट का यह कदम भारतीय फर्नीचर मार्केट में उसकी पकड़ को और मजबूत करेगा।
टेनेको क्लीन एयर इंडिया का ₹3,000 करोड़ का ऑफर
टेनेको क्लीन एयर इंडिया 3,000 करोड़ रुपये का IPO ला रही है। यह पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा, यानी इसमें कोई नया शेयर जारी नहीं होगा। सारा पैसा प्रमोटर टेनेको मॉरीशस होल्डिंग्स लिमिटेड को जाएगा। कंपनी को इस IPO से कोई फंड नहीं मिलेगा। टेनेको ऑटोमोटिव क्षेत्र में काम करती है और यह कदम प्रमोटर को अपनी हिस्सेदारी कम करने का मौका देगा।
वॉटरवेज लेजर टूरिज्म का ₹727 करोड़ का प्लान
क्रूज ऑपरेटर वॉटरवेज लेजर टूरिज्म 727 करोड़ रुपये का IPO लाएगी। यह पूरी तरह से नए शेयरों का इश्यू होगा। इस फंड का बड़ा हिस्सा, यानी 552.53 करोड़ रुपये, कंपनी की सहायक कंपनी बेक्रूज शिपिंग एंड लीजिंग (IFSC) प्राइवेट लिमिटेड के लिए लीज रेंटल और डिपॉजिट के भुगतान में जाएगा। बाकी रकम सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए इस्तेमाल होगी। यह कंपनी टूरिज्म सेक्टर में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है।
गुजरात की श्री राम ट्विस्टेक्स, जो कॉटन यार्न बनाती है, 1.06 करोड़ नए इक्विटी शेयर जारी करेगी। इस फंड से कंपनी 6.1 मेगावाट का सोलर पावर प्लांट और 4.2 मेगावाट का विंड पावर प्लांट लगाएगी। ये दोनों प्लांट कंपनी के अपने इस्तेमाल के लिए होंगे। इसके अलावा, कर्ज चुकाने और वर्किंग कैपिटल के लिए भी फंड का उपयोग होगा। दूसरी ओर, लैमटफ कंपनी, जो इंडस्ट्रियल लैमिनेट्स बनाती है, 1 करोड़ नए शेयर और 20 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल के जरिए फंड जुटाएगी। इस पैसे से तेलंगाना में मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का विस्तार, वर्किंग कैपिटल और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
SEBI की मंजूरी इन कंपनियों के लिए एक बड़ा मौका है। इस साल 2025 में अब तक 80 कंपनियां मेनबोर्ड मार्केट में अपने IPO ला चुकी हैं। अक्टूबर में भी कई और कंपनियां बाजार में उतरने की तैयारी में हैं। भले ही शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव हो, लेकिन प्राइमरी मार्केट में यह रौनक निवेशकों का ध्यान खींच रही है। ये कंपनियां अपने-अपने सेक्टर में विस्तार और ब्रांडिंग पर जोर दे रही हैं। आने वाले दिनों में इनके IPO निवेशकों के लिए कितने आकर्षक साबित होंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
(PTI के इनपुट के साथ)